Astrology ” काल ” नव संवत्सर 2081| मंगल के हाथों में ” राजा ” की कमान तो शनि महाराज को मिला ” मंत्री ” का दायित्व|Clickकर पढ़िये क्या कहते हैं आचार्य जी डा ” दैवज्ञ “
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
प्रति वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। इस वर्ष सौरमंडल के चुनाव में ग्रहों के सेनापति मंगल चुनाव जीतकर राजा बन गए हैं, और उनके मंत्री होंगे न्यायाधीश शनिदेव। नव-संवत्सर 2081 का नाम काल है। जो चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिवस से शुरू होगा।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ” सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए बताते हैं, कि इस वर्ष अप्रैल माह में कई ग्रह अपना स्थान परिवर्तन कर रहे हैं, इसलिए यह नवरात्रि मन्त्रों और यंत्रों की सिद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
चैत्र नवरात्र का शुभारंभ
चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 08 अप्रैल 2024 को रात में 11 बजकर 50 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 09 अप्रैल रात 08 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र माह का आरंभ 09 अप्रैल, मंगलवार के दिन से होगा। इस दौरान कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा –
घट स्थापना मुहूर्त
सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक।
घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक।
निम्नलिखित क्रम के अनुसार करें दुर्गा पूजा।
अपनी सटीक भविष्यवाणियों एवं मित्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय जगत में प्रसिद्ध डा दैवज्ञ बताते हैं ,कि नवरात्रि की पूजा सही दिवस पर होनी चाहिए उसका क्रम गलत नहीं होना चाहिए।
चैत्र नवरात्र का पहला दिन – 09 अप्रैल, 2024 – मां शैलपुत्री पूजा
चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन – 10 अप्रैल, 2024 – मां ब्रह्मचारिणी पूजा
चैत्र नवरात्र का तीसरा दिन – 11 अप्रैल, 2024 – मां चंद्रघंटा की पूजा
चैत्र नवरात्र का चौथा दिन – 12 अप्रैल, 2024 – मां कुष्माण्डा पूजा
चैत्र नवरात्र का पांचवा दिन – 13 अप्रैल, 2024 – मां स्कन्दमाता पूजा
चैत्र नवरात्र का छठा दिन – 14 अप्रैल, 2024 – मां कात्यायनी पूजा
चैत्र नवरात्र का सातवां दिन – 15 अप्रैल, 2024 – मां कालरात्रि पूजा
चैत्र नवरात्र का आठवां दिन – 16 अप्रैल, 2024 – मां महागौरी पूजा
चैत्र नवरात्र का नौवां दिन – 17 अप्रैल, 2024 – मां सिद्धिदात्री पूजा और रामनवमी
चैत्र नवरात्र का दसवां दिन – 18 अप्रैल, 2024 – मां दुर्गा विसर्जन
आचार्य जी का संक्षिप्त परिचय
नाम आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल” दैवज्ञ “
राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक निदेशक शिक्षा – संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड सरकार/
निवास स्थान 56 / 1 धरमपुर देहरादून फ़ोन no 9411153 845 एवं 701788 6131
उपलब्धियां
वर्ष 2013 में सबसे पहले केदारनाथ आपदा की भविष्यवाणी की थी इसलिए 2018 तक लगातार मिला” एक्सीलेंस अवॉर्ड”
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने पर मिला राज्य का” प्रथम गवर्नर अवार्ड”
लगातार सटीक भविष्यवाणियां करने पर वर्ष 2016 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिया “उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान “
मंत्रो की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित करने का विज्ञान विकसित करने के लिए वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया “ज्योतिष वैज्ञानिक” सम्मान /
वर्ष 2018 एवं 2019 में राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में उत्तराखंड सरकार ने लगातार दिया” ज्योतिष विभूषण सम्मान”
नवंबर 2022 में लगातार सटीक भविष्यवाणी करने पर ग्राफिक एरा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा से दिया “उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान “
इसके अतिरिक्त भी पूरे देश एवं विदेशों में 700 से अधिक श्रीमद् भागवत कथाओं का प्रवचन करते हुए अनेक “राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान उपाधियों” से हुए हैं सम्मानित/
सहायक निदेशक के रूप में फरवरी 2023 में मिला “ऑफिसर ऑफ द ईयर अवार्ड” सम्मान।
शिक्षा अधिकारी के रूप में उत्कृष्ट कार्यो के लिए 24 दिसंबर 2023 को राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के हाथों से मिला “सुशासन के सूत्रधार अधिकारी सम्मान”
8 जनवरी 2024 को शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा में मूलभूत सुधार करने एवं ज्योतिष के क्षेत्र में सटीक भविष्यवाणियों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में दिया” ज्योतिष सूर्य सम्मान”