ढोल के बोल की आवाज बुलंद करती करतीं “नारी शक्ति ” |Pauri की वर्षा व अनुज हुयीं सम्मानित| भगवान सिंह रावत की Report
सिटी लाइव टुडे, भगवान सिंह रावत, ऋषिकेश
पहाड़ के वाद्य यंत्रों में शुमार ढोल के बोल के क्या कहने। ढोल सागर की थाह लेना आसान नहीं है। वर्तमान पीढ़ी तो मानों ढोल सागर से दूर ही हो गयी है लेकिन यह बात पूरी तरह से सही भी नहीं है। जनपद पौड़ी के पीपलकोटी स्थित गडोरा गांव निवासी वर्षा बंडवाल ढोल के बोल की आवाज को बुलंद कर रही है। गोपेश्वर विवि से स्नातक कर रही वर्षा के इस हुनर को सम्मानित किया गया। ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने उत्तराखंड की पहली महिला और कम उम्र की ढोल वादक वर्षा बंडवाल व उनकी सहयोगी अनुज राणा को सम्मानित किया।
बताया कि जनपद चमोली गढ़वाल पीपलकोटी स्थित गडोरा गांव में जन्मी वर्षा बंडवाल छठवीं कक्षा से अपने गुरु रोशन बंडवाल की शार्गिदी में ढोल दमाऊ बजाना शुरू कर दिया था। वर्षा अब तक ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर कला उत्सवों में सम्मानित हो चुकी हैं। बताया कि चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की वर्षा वर्तमान में गोपेश्वर महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने उत्तराखंड की पहली महिला और कम उम्र की ढोल वादक वर्षा बंडवाल को सम्मानित किया। महासभा अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने वर्षा को महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।
रविवार को देहरादून रोड स्थित एक होटल में अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान महासभा अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने महिला ढोल वादक वर्षा बंडवाल और उनके सहयोगी अनुज राणा को सम्मानित किया। बताया कि उन्हें लोक संस्कृति और ढोल वादन के संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया है।
बताया कि जनपद चमोली गढ़वाल पीपलकोटी स्थित गडोरा गांव में जन्मी वर्षा बंडवाल छठवीं कक्षा ने अपने गुरु रोशन बंडवाल की शार्गिदी में ढोल दमाऊ बजाना शुरू कर दिया था। वर्षा अब तक ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर कला उत्सवों में सम्मानित हो चुकी हैं। बताया कि चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की वर्षा वर्तमान में गोपेश्वर महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।
इस अवसर पर महासभा के महासचिव उत्तम सिंह असवाल, महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष सीता पयाल, महासचिव राजेश्वरी चौहान, उषा डोभाल, मयंक भट्ट, वर्षा के पिता विनोद बंडवाल आदि मौजूद थे।