ध्यान से सुनिये CA आशुतोष की बात…Advance Tax नहीं चुकाने पर पेनल्टी|Click कर पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
हरिद्वार। सीए आशुतोष पांडेय ने बताया कि लोगों को प्रतिदिन एडवांस टैक्स जमा कराने के लिए आयकर विभाग से मैसेज आ रहे हैं । ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या है एडवांस टैक्स? Advance Tax
सीए आशुतोष पांडेय ने जानकारी देते हुए कहा कि आयकर कानूनों के तहत, यदि किसी व्यक्ति पर एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की कर देयता है, तो वे चार किस्तों में अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए अग्रिम कर की चौथी किस्त का भुगतान करने की समय सीमा 15 मार्च है। उन्होंने कहा कि हालांकि, एक वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक आयु का व्यक्ति), जिनकी व्यवसाय या पेशे से आय नहीं आती है, वे अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। सीए आशुतोष पांडेय ने बताया कि इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, करदाताओं को साल में चार किस्तों में भुगतान करना होता है। एडवांस टैक्स नहीं चुकाने वालो को पेनल्टी देना पड़ सकती है।
15 जून, 15 सितम्बर, 15 दिसंबर , और 15 मार्च है एडवांस टैक्स जमा कराने की तारीख
एडवांस टैक्स की चार किस्त लोगों को निम्नलिखित 15 जून, 15 सितम्बर, 15 दिसंबर , और 15 मार्च तारीखों तक देनी होती है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, करदाताओं को इन तारीखों को क्रमशः 15 फीसदी, 45 फीसदी, 75 फीसदी और 100 फीसदी भुगतान करना होतो है। ऐसे में करदाता इस समयसीमा से पहले अग्रिम कर का भुगतान करने में विफल रहता है, तो धारा 234बी और 234सी के तहत ब्याज के लिए उत्तरदायी होगा। उन्होंने कहा कि करदाता ने अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है या अगर उसने कुल कर का 90 फीसदी भुगतान किया है, तो धारा 234बी के तहत ब्याज लगाया जाता है। इसके बाद भुगतान करने पर आपको अप्रैल महीने से टैक्स का भुगतान करने तक हर महीने एक फीसदी ब्याज के साथ किस्त भरनी पड़ेगी।
हरिद्वार। सीए आशुतोष पांडेय ने बताया कि लोगों को प्रतिदिन एडवांस टैक्स जमा कराने के लिए आयकर विभाग से मैसेज आ रहे हैं । ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या है एडवांस टैक्स?
सीए आशुतोष पांडेय ने जानकारी देते हुए कहा कि आयकर कानूनों के तहत, यदि किसी व्यक्ति पर एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की कर देयता है, तो वे चार किस्तों में अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए अग्रिम कर की चौथी किस्त का भुगतान करने की समय सीमा 15 मार्च है। उन्होंने कहा कि हालांकि, एक वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक आयु का व्यक्ति), जिनकी व्यवसाय या पेशे से आय नहीं आती है, वे अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। सीए आशुतोष पांडेय ने बताया कि
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, करदाताओं को साल में चार किस्तों में भुगतान करना होता है। एडवांस टैक्स नहीं चुकाने वालो को पेनल्टी देना पड़ सकती है। एडवांस टैक्स की चार किस्त लोगों को निम्नलिखित 15 जून, 15 सितम्बर, 15 दिसंबर , और 15 मार्च
तारीखों तक देनी होती है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, करदाताओं को इन तारीखों को क्रमशः 15 फीसदी, 45 फीसदी, 75 फीसदी और 100 फीसदी भुगतान करना होतो है। ऐसे में करदाता इस समयसीमा से पहले अग्रिम कर का भुगतान करने में विफल रहता है, तो धारा 234बी और 234सी के तहत ब्याज के लिए उत्तरदायी होगा। उन्होंने कहा कि करदाता ने अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है या अगर उसने कुल कर का 90 फीसदी भुगतान किया है, तो धारा 234बी के तहत ब्याज लगाया जाता है। इसके बाद भुगतान करने पर आपको अप्रैल महीने से टैक्स का भुगतान करने तक हर महीने एक फीसदी ब्याज के साथ किस्त भरनी पड़ेगी।
हरिद्वार। सीए आशुतोष पांडेय ने बताया कि लोगों को प्रतिदिन एडवांस टैक्स जमा कराने के लिए आयकर विभाग से मैसेज आ रहे हैं । ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या है एडवांस टैक्स?
सीए आशुतोष पांडेय ने जानकारी देते हुए कहा कि आयकर कानूनों के तहत, यदि किसी व्यक्ति पर एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की कर देयता है, तो वे चार किस्तों में अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए अग्रिम कर की चौथी किस्त का भुगतान करने की समय सीमा 15 मार्च है। उन्होंने कहा कि हालांकि, एक वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या उससे अधिक आयु का व्यक्ति), जिनकी व्यवसाय या पेशे से आय नहीं आती है, वे अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। सीए आशुतोष पांडेय ने बताया कि इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, करदाताओं को साल में चार किस्तों में भुगतान करना होता है। एडवांस टैक्स नहीं चुकाने वालो को पेनल्टी देना पड़ सकती है।
एडवांस टैक्स की चार किस्त लोगों को निम्नलिखित 15 जून, 15 सितम्बर, 15 दिसंबर , और 15 मार्च तारीखों तक देनी होती है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, करदाताओं को इन तारीखों को क्रमशः 15 फीसदी, 45 फीसदी, 75 फीसदी और 100 फीसदी भुगतान करना होतो है। ऐसे में करदाता इस समयसीमा से पहले अग्रिम कर का भुगतान करने में विफल रहता है, तो धारा 234बी और 234सी के तहत ब्याज के लिए उत्तरदायी होगा। उन्होंने कहा कि करदाता ने अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है या अगर उसने कुल कर का 90 फीसदी भुगतान किया है, तो धारा 234बी के तहत ब्याज लगाया जाता है। इसके बाद भुगतान करने पर आपको अप्रैल महीने से टैक्स का भुगतान करने तक हर महीने एक फीसदी ब्याज के साथ किस्त भरनी पड़ेगी।