Haridwar @ जानिये दिनेश लखेड़ा को क्यों आया गुस्सा और दे डाली आंदोलन की चेतावनी| Click कर पढ़िये पूरी खबर
हरिद्वार, रुड़की, भगवानपुर, नारसन,
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा का गुस्सा सोमवार को सातवें आसमान पर रहा। कर्मचारियों की आवाज बुलंद करने वाले मुखर वक्ता चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा सोमवार को रूड़की, भगवानपुर, नारसन आदि जगहों पर दहाड़े। उन्होंने दोटूक कहा कि अब कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जायेगा।
दरअसल, दिनेश लखेड़ा की अगुवाई में सोमवार को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड की टीम ने जनपद हरिद्वार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नारसन, भगवानपुर प्राथमिक स्वा0 केंद्र भलसवागज में भ्रमण किया जिसमे कर्मचारियों द्वारा शिकायत की गई कि कर्मचारियों की ए सी पी, जी पी एफ, समय से नहीं मिलता है
सी एम ओ कार्यलय से समय से स्वीकृति न मिलने के कारण कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है, सामु स्वास्थ्य केंद्र नारसन का वेतन दिसम्बर 22 का फरवरी 2023 में मिला और जनवरी का वेतन आज तक नहीं मिला अधीक्षक सामु स्वास्थ्य केंद्र द्वारा वेतन के लिए लिपिक न होने का रोना रोया गया कहा कि लिपिक तीन दिन नारसन तीन दिन सी एम एम ओ कार्यालय में रहने से सभी काम लटके हुए हैं कर्मचारियों की वर्दी नही मिल पाई है जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा प्रदेश ऑडिटर महेश कुमार प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेन्द्र तेश्वर जिला अध्यक्ष जीवन भगत, जिला मंत्री राकेश भँवर ने कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न सहन नहीं किया जायेगा ,कर्मचारियों का जी पी एफ, मृतक आश्रित की नियुक्ति, सेवा निवर्त कर्मचारियों के देयकों का भुगतान करने वर्ष लग जाते हैं जो कि कर्मचारियों का सीधा सीधा शोषण है इस संबंध जल्द से जल्द मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिलकर समस्याओ से अवगत कराया जायेगा अन्यथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जायेगा ।
बैठक में नारसन से राजेन्द्र, बालेन्द्र, प्रवीण, मनोज, जीवन भगत, पप्पू, सिद्धार्थ, अंकुर, संजय, भोपाल राजेन्द्र तेश्वर,महेश कुमार, राकेश भँवर, दिनेश लखेड़ा, दीपक, इत्यदि ने अपनी समस्याओं के समाधान के पदाधिकारियों को अपनी बात रखी।