बमोेली @ मनरेगा 100 दिन तो दूर की बात 1 दिन के रोजागार की गारंटी नहीं| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


गांवों की तकदीर व तस्वीर बदलने के सरकार के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। खाली हाथों को काम दिलाने की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा का भी ऐसा ही हाल है। जनपद पौड़ी के द्वारीखाल ब्लाक के बमोली गांव की कहानी ऐसा ही बयां कर रही है। हैरानी की बात यह है कि वित्तीय-वर्ष-2022-20223 में यहां मनरेगा के तहत एक भी ग्रामीण को रोजगार नहीं मिला है। इससे से ग्राम प्रधान से लेकर पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खास बात यह है कि इस क्षेत्र के प्रमुख महेंद्र राणा है जो आये दिन गाहे-बगाहे द्वारीखाल में ऐतिहासिक विकास कार्यों का ढोल बजाते रहते हैं।

जनपद पौड़ी के बमोली ग्राम पंचायत की आबादी अभी 500 से अधिक बतायी जाती है। पलायन की मार इस गांव पर भी पड़ी है लेकिन अन्य गांवों की अपेक्षा थोड़ा कम। हालांकि बमोली में चार-पांच गांव शामिल है जिनको मिलाकर यहां आबादी का आंकड़ा संतोषजनक कहा जा सकता है। लेकिन 2019 मे नये ग्राम पंचायत के गठन के बाद यह गाँव आज ब्लॉक के अन्य गावों की अपेक्षा पिछड़ गया है। यूं कहियेगा कि यहां विकास का पहिया थम सा गया है।

ग्रामीणों की ही मानें तो राजनीतिक क्षमता की कमी मानते हैं। दोष प्रधानों के सिर मढ़ते हैं। जाहिर सी बात है कि यदि गांव में विकास का पहिया थम जायेगा तो ग्रामीण इस प्रकार के आरोप लगायेंगे ही। प्रशासन की कार्यशैली भी सवालों के कटघरे में है। प्रशासन व ग्राम प्रधान की लापरवाही का अंदाजा मनरेगा के आंकड़े बयां कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23की ही बात की जाय तो 15 नवंबर बीत जाने के बाद भी एक भी मनरेगा जॉब कार्डधारी को एक भी दिन का रोजगार नहीं मिला है, जबकि 100 दिन की रोजगार की गारंटी हर जॉब कार्डधारी को है।

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क्या प्रशाशन या सम्बंधित अधिकारीयों को इस संज्ञान लेने की आवश्यकता नहीं है। या ऐसे ही राम भरोसे चलता रहेगा। चारों ओर से आम जनता ही परेशानी का सबब बनी है।क्योंकि गाँव का बजट रुक जायेगा। प्रधान पांच साल बाद बदल जायेगा। लेकिन गाँव कितना पीछे चला जायेगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
गाँव के जागरूक नागरिकों समाज सेवी जयमल चंद्रा, भूतपूर्व प्रधान कोमल चंद्र, बरिष्ठ नागरिक रुद्री सिंह रावत, भगवान सिंह रावत,महावीर सिंह रावत, जवाहर सिंह आदि का ऐसा ही मानना

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