तो डीजल-पेट्रोल वाले ऑटो-विक्रम की हो जायेेगी ” छुट्टी “| click कर पढ़िये पूरी खबर

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Uttarakhand News: उत्तराखंड के शहरों की आबोहवा में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार डीजल-पेट्रोल वाले ऑटो-विक्रम नए साल में सड़कों से बाहर हो जाएंगे। इनकी जगह बीएस-6 मानक और सीएनजी संचालित ऑटो-विक्रम सड़कों पर दिखेंगे। संबंधित महकमों ने इसकी कवायद शुरू कर दी है।

दरअसल, 2019 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने सरकार को वायु प्रदूषण नियंत्रिण को कहा था। जिसके तहत राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार ने देहरादून और ऋषिकेश को चुना है। जहां सबसे पहले मार्च 2023 तक डीजल-पेट्रोल संचालित ऑटो विक्रमों को सड़कों से बाहर होंगे। इस बारे गढ़वाल कमिश्नर के कैंप ऑफिस में संभागीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) की बैठक होनी है। जिसमें अगले चार महीनों में ऑटो-विक्रम को सड़कों से हटाने पर निर्णय लिया जाना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देहरादून और ऋषिकेश में मौजूदा समय में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो और विक्रम ही संचालित हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि मौजूदा ऑटो-विक्रम संचालक यदि बीएस-6 या सीएनजी से चलने वाले वाहन लेता है, तो उसके मौजूदा परमिट को संभागीय परिवहन प्राधिकरण परिवर्तित कर सकता है। इसपर विचार किया जा रहा है।

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यह भी माना जा रहा है कि देहरादून और ऋषिकेश में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो और विक्रम वाहनों के हटने के बाद हरिद्वार और रुड़की में भी ऐसे ही कदम उठाए जा सकते हैं। प्रदूषण नियंत्रण की कवायद में आरटीए के अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य विभाग भी जुटे हुए हैं। एक नवंबर की बैठक में इसपर निर्णय सामने आ जाएगा।

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