बड़ा सवाल| आखिर इस BLOOD BANK में क्यों हो रही BLOOD की कमी| पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
ब्लड उपलब्ध कराने के मामले में नजीर बने सरकारी अस्पताल के हरिद्वार के ब्लड बैंक में अब वो बात नहीं रही। डा खान के समय में हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की, कोटद्वार, मेरठ तक के मरीजों को हर समय रक्त उपलब्ध कराने वाला जिला चिकित्सालय का ब्लड बैंक अपनी पहचान खोता जा रहा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां इस ब्लड बैंक में भारी मात्रा में ब्लड की कमी बनी रहती है। हालांकि, स्थिति को सभंालने में जुटा स्टाफ कई बार स्वयं ही ब्लड डोनेट कर रहा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इसके लिये कौन जिम्मेदार है। बड़ा सवाल यह भी है कि स्थिति को क्यों नहीं सुधारा जा रहा है।
डा खान के समय में जिला चिकित्सालय हरिद्वार के ब्लड बैंक अलग ही धमक भी थी और पहचान भी। लेकिन आज के हालात एकदम जुदा हैं। इस ब्लड बैंक में ब्लड की कमी बन रही है। कभी यहां से रूड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, मेरठ, देहरादून आदि जगहों तक ब्लड उपलब्ध कराया जाता था। मौजूदा हालातों की बातें करें तो कारण भी सामने आते हैं। कारण और भी हो सकते हैं लेकिन मौटेतौर पर देखें कुछ कारण साफ दिखते हैं। पहला यह कि स्टाफ की भारी भरकम कमी बनी हुयी है। जिला चिकित्सालय के रक्तकोष में प्रातः 08 बजे से दोपहर दो बजे तक ही डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। दोपहर दो बजे के बाद डॉक्टर न होने पर ब्लड डोनेशन नहीं होता है।
आमतौर पर ब्लड की आवश्यकता होने पर मरीज के परिजन/मित्र उसके बदले में रक्त देते हैं, जो किसी अन्य मरीज के काम आता है। इसी व्यवस्था से ब्लड बैंक में रक्त की उपलब्धता बनी रहती है। दोपहर 2 बजे के बाद डोनेशन न होने के कारण यह व्यवस्था पटरी से उतर गई है। अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी इस विषय में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। पहचान खोते जा रहे सरकारी चिकित्सालय के ब्लड बैंक को लेकर रक्तवीर भी खासे चितिंत हैं। रक्तवीर नवदीप अरोडा बताते हैं कि सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड की कमी होने से चितिंत हैं। स्वास्थ्य विभाग को स्टाफ बढ़ाना चाहिये। इसके अलावा ब्लड डोनेशन का समय पूरा दिन करना चाहिये।