ध्यान से सुनो |ढोल के ” बोल ” की बुलंद आवाज बन रही ” तीन भाईयों “की ये जोड़ी| जगमोहन डांगी की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी गढ़वाल


पहाड़ की समृद्धशाली वादन परंपरा हाशिये पर पहुंच गयी है। नयी पीढ़ी तो ढोल जैसी बेजोड़ वादन शैली से अनजान होती जा रही है। लेकिन ठहरिये, ये यहां तीन भाईयों की जोड़ी ढोल की ऐसी गंगा बहा रही है जो सराहनीय तो है ही साथ ही बड़ा संदेश भी रही है। ये त्रिवेणी हैं पौड़ी जनपद के दीपांशु, शुभम व विनीत। कमाल हैं तीनों भाई और इनकी वादन शैली। प्रसिद्ध ढोल वादक गैमीदास की पीढ़ी के होनहार सच में सलाम करन के लायक हैं। पेश है सिटी लाइव टुडे मीडिया हाउस की यह खास रिपोर्ट। प्रस्तुतकर्ता पत्रकार जगमोहन डांगी।


पौड़ी जनपद के पट्टी मनियारस्यूं के गढ़कोट गांव के वाद्य यंत्र ढोल विद्या के प्रसिद्ध ढोल वादक रहे क्षेत्र के जाने माने नाम स्वर्गीय गैमीदास के चौथी पीढ़ी आज भी इस परंपरा को बरकार रखा है। स्वर्गीय गैमीदास के पौत्र सोहन लाल दास ने अपने दादा लोक विद्या ढोल वाद्य यंत्र कला को विरासत के रूप में बचपन में ही संभाल दी थी और उसी परंपरा को अपने ही तर्ज पर सोहन लाल के तीनांे बेटे दीपांशु, शुभम, विनीत आगे बड़ा रहे है। पहाड़ों की आवाज तीनो बच्चांे को प्रतिभा का हुनर पहले भी कई बार दिखा चुका है। एक बार उनकी प्रतिभा में और निखार आया है। इनका होंसलों की उड़ान जारी रहे इसी पर सिटी लाइव टुडे के संवाददाता जगमोहन डांगी की यह विशेष रिपोर्ट।


पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी ने सोशल मीडिया पर साल-2016 इनकी प्रतिभा को निखारा था। नयारघाटी में आयोजित एक कार्यक्रम तीनांे भाईयो को अवसर मिला। तब से उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। यदि इनको पहले मंच का श्रेय जगदंबा डंगवाल को जाता है। वहीं इनमंे कूट कूट कर आत्म विश्वास भरने और अपने निजी खर्चे पर मंच प्रधान करवाया। इनकी प्रारंभिक शिक्षा देने वाली शिक्षिका कल्जीखाल ब्लॉक की प्राथमिक विद्यालय नौगांव की प्रधान प्रधानाध्यपिका अंजली डूडेजा हैं।

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