ना काटा त्यौं डाल्यूं ना काटा| गीतों व नाटकों से लगायी ” धै “| द्वारीखाल से जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


उत्तराखंड को जहां प्रकृति ने खूबसूरत नियति प्रदान की है। पेड़-पौधों व वन संपदा से पहाड़ियों को आच्छादित किया है, वहीं ये बेशकीमती वन संपदा धू-धूकर भी जलती है। खासतौर पर गर्मियों में वनों में आग लगने की घटनायें ज्यादा होती रहती हैं। ऐसे में वनों में लगने वाली आग पर काबू पाने के जन-जागरूकता की भी नितांत आवश्यकता है। इस दिशा में सामाजिक सरोकारों को समर्पित द हंस फाउंडेशन सराहनीय कार्य कर रहा है। वनों को आग से बचाने के लिये फायर फाइटर्स एक्शन में हैं तो जन-जागरूकता के लिये खास किया जा रहा है।


दरअसल, द हंस फाउंडेशन की ओर से जगह-जगह नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगो मे जागरूकता लायी जा रही है। इसी क्रम में द्वारीखाल ब्लॉक के चैलूसैण में गढ़श्रेष्ठ लोक कला सांस्कृतिक समिति पौड़ी के लोक कलाकारों द्वारा सुंदर व भव्य प्रस्तुति दी गयी। क्षेत्रीय जन-मानस ने उनकी प्रस्तुति देखी। कलाकारों द्वारा वनों में लगने वाली अग्नि से बचाव व होने वाले नुकसान को नाटक के द्वारा प्रस्तुत किया गया। क्षेत्रीय जन-मानस ने संकल्प किया कि वन में अग्नि नहीं लगने देंगे। अगर किसी कारणवश अग्नि लगती है तो बुझाने के लिए आगे बढ़ेंगे।

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कार्यक्रम में हंस फाउंडेशन से मनोज जोशी, सतीश बहुगुणा, सूरज, नीलम, संगीता, रेंज कार्यालय से रेंज अधिकारी बिसन दत्त जोशी, रश्मि खत्री, सुरमान सिंह, अंकित नेगी व लोक कलाकार नरेंद्र धीमान, हर्षपति रयाल, संदीप छिलबट, विजय प्रताप, दिगंबर धीमान, संदीप, जयश्री, संतोसी, रोहित आदि ने अपनी अदाकारी से उपस्थित जन-मानस का मन मोह लिया।

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