yamkeshwar|योगी की जन्मभूमि और ” घर की बेटी ” ने आसान की जीत की राह| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


यमकेश्वर सीट पर कांग्रेस को फिर हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह रावत की क्षेत्र में सक्रियता और बदलाव की हवा के बावजूद रावत फिर हार गये। अब जीत-हार की समीक्षा होने लगी है। आखिरी दिनों में कांग्रेस मैनेजमेंट नहीं संभाल पायी और भाजपा ने बेहतर प्रबंधन कर मैदान मार लिया। भाजपा प्रत्याशी रेनू बिष्ट को घर की बेटी होने का लाभ भी मिला। योगी की जन्मभूमि भी यमकेश्वर ही है। ऐसे में इसका लाभ भाजपा को मिलना ही था।


देखा जाये तो यमकेश्वर सीट पर भाजपा ने शुरू से ही फूंक-फूंक कर कदम रखे। भाजपा ने इस सीट पर एंटी-इनकमबैंसी का तोड़ प्रत्याशी बदलकर निकाला। यमकेश्वर सीट पर भाजपा ने सिटिंग विधायक ऋतु खंडूरी की जगह रेनू बिष्ट को मैदान में उतारा। इसका लाभ यह मिला कि इससे एंटी-इनकमबैंसी का तोड़ मिला और दूसरा घर की बेटी का भावनात्मक लगाव भी।

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वहीं, कांग्रेस शुरू से लेकर आखिरी तक अपने में ही उलझती रही। शुरू में टिकट नहीं मिलने से नाराजगी चल रही थी। टिकट नहीं मिलने से द्वारीखाल प्रमुख महेंद्र राणा नाराज हो गये थे। हालांकि, वे बाद में मान भी गये थे। चुनाव के आखिरी दिनों में भाजपा ने इस सीट पर पसीना बहाया। रणनीति व राजनीति का गजब का संगम मिला। यमकेश्वर में भाजपा की जीत में मोदी-योगी फैक्टर का असर भी हुआ।
बुल्डोजर बाबा के नये अंदाज में दिख रहे योगी की जन्मभूमि यमकेश्वर ही है। ऐसे में योगी फैक्टर का असर होना ही था। अब शैलेंद्र सिंह रावत का आगे का राजनीति करियर क्या होगा, इस पर बातें होने लगी हैं।

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