गायब होने लगी औषधीय गुणों की खान ” गींठी “| जगमोहन डांगी की रिपोर्ट

Share this news

सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी


स्वाद के लिहाज से कसैला लेकिन सेहत के लिये बेहद उपयोगी आलू का बड़ा भाई भी छोटे भाई की राह पर चलने लगा है। सीधे शब्दों में कहें तो आलू का बड़ा भाई गायब होेने लगा है। जी हां, जिक्र पहाड़ों में जमीन के अंदर पाये जाने वाली गींठी का हो रहा है जिसे कुछ जगहों पर गेठी वगैरह-वगैरह भी कहा जाता है। गींठी औषधीय गुणों से लबरेज होता है।
उत्तराखंड में 2000 मीटर तक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में गींठी पायी जाती है। गींठी एक बेल वाला पौधा है। इसको के इंग्लिश में । Air Potato के नाम से जाना जाता है।।

पहाड़ों में बरसात के समापन के समय अर्थात अक्टूबर और नवंबर में एक विशेष सब्जी जो लताओं में में लगती है और आलू के आकार की होती है। इसकी बेेल जमीन के अंदर होती है लेकिन यह सब्जी जमीन के अंदर पायी जाती है। इसे पहाड़ी भाषा में गींठी या गेठी की सब्जी बोलते हैं। यह सब्जी गर्म तासीर और औषधीय गुणों से युक्त होती है।

गींठी या गेठी का प्रयोग मुख्यतः सब्जी के रूप में किया जाता है। इसका स्वाद आलू की अपेक्षा थोड़ा कसैला होता है।।

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अक्टूबर नवंबर में पहाड़ी लोग गींठी इकट्ठा करके रख लेते हैं और फिर शरद ऋतु में इसको उबाल कर सब्जी या सलाद के रूप में प्रयोग करते हैं। गेठी गर्म तासीर की होती है।।
ठंड के मौसम में इसका प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। पहाड़ी लोग इसका गर्म राख में पका कर सेवन करते हैं।।
इसे खांसी की अचूक औषधि माना जाता है।

गींठी के प्रमुख लाभ निम्न हैं

गेठी या वराह कंद ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। गेंठी में शर्करा(ग्लूकोज ) और रेशेदार फाइबर सही मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर बहुत धीरे बढ़ता है।। गेंठी में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं,जिनके कारण शरीर मे कोलस्ट्रोल कम बढ़ता है । एयर पोटैटो मोटापा घटाने में लाभदायक है।। इसमे विटामिन बी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो त्वचा रोगों की रोकथाम में सहायक होता है।।

गेंठी में कॉपर ,लोहा,पोटेशियम ,मैगनीज आदि खनिज ( मिनरल्स ) पाए जाते हैं। जिसमे से पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित रखता है और कॉपर रूधिर कणिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है।। वराह कंद या गेठी की पत्तियों और टहनियों के लेप से फोड़े फुंसियों में लाभ मिलता है। गेंठी को उबालकर सलाद या सब्जी रूप में खाने से खांसी व जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।।

गेठी के तनों व पत्तियों के अर्क में घाव भरने की क्षमता होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इसके अर्क में कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता भी होती है। जिससे कैंसर जैसी भयानक बीमारी में लाभ मिलता है।। इसके पत्तियों के लेप से सूजन व जलन में लाभ मिलता है।।
इसकी गांठों में स्टेरॉयड मिलता है जो कि स्टेरोएड हार्मोन और सेक्स हार्मोन बनाने के काम आता है।। गेठी बबासीर के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नही है। दस्त के लिए भी यह अति लाभदायक है।। इसमे एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता भरपूर रहती है। और कैंसर में तो लाभदायक होता ही है।।

ad12

गेठी जैसे औषधीय कंदमूल फल उत्तराखंड में विलुप्त हो रहे हैं या उनके गुणों और उनके बारे में सही जानकारी ना होने के कारण हम उनका सही प्रयोग नही कर पा रहे हैं।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *