केंद्रीय संस्थानों को भी क्यों लग जाता उत्तराखंड वाला रोग|अजय रावत, वरिष्ठ पत्रकार

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सिटी लाइव टुडे, अजय रावत, वरिष्ठ पत्रकार

aiims अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भले ही संघीय सरकार का संस्थान हो किन्तु ऋषिकेश स्थित ऐम्स के बाबत जो सच्चाई सामने आ रही है उससे एक तरफ इस संस्थान की गुणवत्ता व विश्वनीयता पर सवाल उठा है, वहीं उत्तराखंड के बारे में प्रचलित तथाकथित भ्रष्ट छवि की पुष्टि भी हुई है ।

महत्वपूर्ण बात यह कि माना कि नर्सिंग स्टाफ के चयन हेतु अखिल भारतीय स्तर पर नियुक्ति व परीक्षा प्रणाली अपनायी गयी हो लेकिन यह कैसे संभव हो सकता है कि राजस्थान जैसे राज्य, जो स्किल्ड नर्सिंग प्रॉफेसनल के मानक में कोई विशेष स्थान नहीं रखता वहां के बेरोजगारों ने उत्तराखंड स्थित संस्थान में 75 फीसद पदों पर नियुक्ति पाने में कामयाबी हासिल कर ली। यदि राजस्थान के बजाय केरला जैसे राज्य का जिक्र होता तो कुछ देर के लिए यकीन किया जा सकता था, जहां से बेहतरीन स्किल्ड नर्सिंग प्रोफेशनल्स निकलते हैं।

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ऋषिकेश के ऐम्स में जिस तरह से नर्सिंग स्टाफ की चयन प्रक्रिया में इतने बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की पुष्टि हुई है, उससे साफ जाहिर है कि यहां अन्य तरह , मसलन निर्माण, उपकरण खरीद, आउटसोर्सिंग सर्विसेज, मेडिसिन, एम्बुलेंस डिप्लॉयमेंट आदि में भी मेगा घोटाले अवश्य हुए होंगे।
ऐसी खबरों से न केवल ऐम्स जैसे विश्वसनीय संस्थान की छवि पर बट्टा लगा है बल्कि उत्तराखंड राज्य में भ्रष्टाचार जैसी संक्रामक बीमारी के वायरस व्यापक स्तर पर मौजूद होने की पुष्टि भी हुई है, जिस बीमारी से इस राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेज पहले से ही ग्रस्त हो चुके हैं।

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