कांग्रेस की जम्बो कार्यकारिणी, सरकार बनी तो सिस्टम पर पड़ेगी भारी| अजय रावत, वरिष्ठ पत्रकार
सिटी लाइव टुडे, अजय रावत, वरिष्ठ पत्रकार
बेशक 2022 की जंग में कांग्रेस की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए नेताओं व कार्यकर्ताओं की महत्वाकांक्षाएं हिलोरे मार रही हैं, इसी का नतीज़ा था पार्टी में टिकट के दावेदारों की लंबी फौज़ खड़ी थी।
निश्चित रूप से पार्टी बागी प्रत्याशियों को मनाने के अपने मिशन में काफी हद तक कामियाब भी रही, लेकिन ऐसे नेताओं को संतुष्ट करने की कसरत में पार्टी ने पहले से जम्बो अपनी कार्यकारिणी को मेगाजम्बो बना डाला है। महज़ 13 प्रशासनिक जनपदों वाले उत्तराखंड राज्य मेँ कांग्रेस पार्टी में कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्षों की तादात ही आधा दर्जन होने को है, वहीं उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव, महामंत्री, मंत्री के नामों को याद रखना भी अब असम्भव हो चला है। माननीय बनने का ख्वाब संजोए अनेक नेताओं को ऐसे सांगठनिक ओहदों से नवाज़ने का सिलसिला अभी थमा नहीं है।
10 मार्च के नतीजों के उपरांत यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो इन ओहदेदारों की हनक शासनस्तर पर असर करे या न करे , लेकिन जिला से ब्लॉक लेबल के अधिकारी कर्मचारियों की टेबलों पर इनके लेटर पैड की भरमार अवश्य होगी। सभी ओहदेदार 5 साल से सूखे खेतों को सरसब्ज़ करने की स्वाभाविक कोशिश तो करेंगे ही, ज़ाहिर है यह सरकारी मशीनरी की रफ़्तार को कम करेगा ही।