सर्द मौसम में पुरानी पेंशन बहाली की मांग गर्म| जगमोहन डांगी की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी गढ़वाल
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर पांच राज्यो में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए पुरानी पेंशन बहाली हेतु देशभर में जनजागरूकता अभियान कार्यक्रम चलाया गया l इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उत्तराखंड के कर्मचारी अध्यापकों एवं अधिकारियों ने भी बड़े जोर शोर से प्रतिभाग किया l
उत्तराखंड सहित देशभर के कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं l कर्मचारियों का साफ कहना है कि नई पेंशन व्यवस्था पूरी तरह से बाजार आधारित है और सरकार कर्मचारियों के पैसे से जुआ खेल रही है l
उत्तराखंड में भी चुनावी बिगुल बजने के बाद लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच चुकी है, अब सभी पार्टियों के घोषणा पत्र का इंतजार है, कर्मचारियों का साफ कहना है कि वह उसी पार्टी को वोट करेंगे, जो पुरानी पेंशन बहाली को अपने मेनिफेस्टो में प्रमुख स्थान देगी l आज उत्तराखंड के कर्मचारियों द्वारा अपने कार्य स्थलों पर नो पेंशन नो वोट , हमारा हक है पेंशन, जो ओ पी एस की बात करेगा वही राज्य में राज करेगा, जैसे पोस्टरों के माध्यम से पार्टियों को चेताने का कार्य किया l कर्मचारियों ने अपने घरों पर पोस्टर लगाए हैं जिसमें लिखा गया है कि पुरानी पेंशन नहीं तो वोट नहीं l
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल का कहना है कि वर्तमान में कर्मचारियों का आक्रोश सातवें आसमान में है और कर्मचारी सिर्फ एक मांग के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, अगर राजनीतिक दल समय रहते उनकी मांग पर ध्यान नहीं देते हैं तो कर्मचारी कोई भी विकल्प अख्तियार कर सकते हैं l
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय प्रभारी विक्रम सिंह रावत का कहना है कि उन्हें आज आम बजट में पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद थी लेकिन केंद्रीय सरकार ने वहां भी कर्मचारियों को पूरी तरह से निराश किया हैl
प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ डीसी पासबोला का कहना है कि 4% धनराशि को आयकर से मुक्त करने जैसे झुनझुने अब काम करने वाले नहीं हैं, कर्मचारी एक ही मांग पर वचनबद्ध है और वह है पुरानी पेंशन बहाली की मांग l
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय सचिव डॉ कमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी कार्य उनके हितों को देखते हुए किया जाता है लेकिन नई पेंशन व्यवस्था पूरी तरह से कर्मचारी हितों के विपरीत है और न ही कर्मचारियों द्वारा इसकी मांग की गई थी, सरकार को कर्मचारी भावनाओं का सम्मान करते हुए पुरानी पेंशन को बहाल कर देना चाहिए नहीं तो पांच राज्यों में लाखों की संख्या में कर्मचारी एवं उसका परिवार इस बार पुरानी पेंशन बहाली के आधार पर ही वोट देने का मन बना चुका है l
आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में जयदीप रावत ,नरेश भट्ट जसपाल सिंह रावत ,लक्ष्मण सिंह रावत, भवान सिंह नेगी ,रश्मि गौड़, डॉ सुमन पांडे ,योगेश घिल्डियाल ,राजीव शर्मा ,राजीव उनियाल ,संदीप मैठानी ,शंकर भट्ट ,रणवीर सिंह , मुरली मनोहर भट्ट ,गुरुदेव रावत ,माधव नौटियाल, प्रदीप सजवान , हिमांशु जगूड़ी, खुशाल सिंह रावत, गंगा प्रसाद,विकास थपलियाल आदि सैकड़ों पदाधिकारियों द्वारा सहयोग किया गया l