……तो स्वयं उठाना पड़ता बीड़ा|साभार-वरिष्ठ पत्रकार-अजय रावत
सिटी लाइव टुडे, साभार-वरिष्ठ पत्रकार अजय रावत
डांडा नागराजा व चिनवाड़ी पेयजल पम्पिंग योजनाओं की हकीकत को लिखा, तो भले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों पर तो कोई असर नहीं देखा गया, लेकिन समूह पलायन एक चिंतन के संयोजक Ratan Singh Aswal ने इसका संज्ञान लेते हुए अपर सचिव पेयजल एवं सीएमडी पेयजल निगम उदय राज सिंह से मुलाकात कर ग्रामीणों की व्यथा सुनाई।
इसपर अपर सचिव द्वारा बताया गया कि इन दोनों योजनाओं को जल संस्थान को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया गतिमान है। इन योजनाओं पर विद्युत बिल सहित विभिन्न मदों पर एक बड़ी राशि देय है, जिसका भुगतान पेयजल निगम द्वारा ही जल संस्थान को किया जाएगा, जिससे कि संस्थान इन योजनाओं को निर्वाध रूप से संचालित कर सके। उन्होंने सीजीएम जल संस्थान श्री शर्मा को दूरभाष पर दोनों योजनाओं को अविलंब सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए गए, जिसपर सीजीएम जल संस्थान ने 2 से 3 दिन के अंदर इन दोनों योजनाओं पर सुचारू रूप से जलापूर्ति का भरोसा दिलाया। अब देखना है कि अधिकारियों के बातों-वादों का हश्र नेताओं की तरह होता है या ग्रामीणों को कुछ राहत मिलती है।