प्रदीप पंत| दिल में देश सेवा और मन में संगीत प्रेम भी| पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, पौड़ी गढ़वाल


संगीत की दुनिया एकदम निराली है। संगीत में बहुत ताकत होती है। संगीत ही है जो तन व मन को सुकून देने के साथ ही संपूर्ण व्यक्तित्व विकास मंे अहम भूमिका निभाता है। अपने प्रदीप पंत का संगीत प्रेम भी एकदम अद्भुत है। एक से बढ़कर एक गीत लिखते भी हैं और गाते भी। सबसे खास बात यह है कि प्रदीप पंत सेवा की रक्षा व सेवा में तैनात हंै और देश सेवा व संगीत प्रेम दोनों कार्य बड़ी ही शिद्दत के साथ कर रहे हैं। उनके अजीज मित्र गायक राजेश कुमार भी उभरते हुये गायक हैं। दोनों का याराना ऐसा है कि लोग कहते हैं कि दोस्ती हो तो ऐसी हो।

प्रदीप पंत पौड़ी जनपद के पाबौ के हैं। पाबौ ब्लाक ग्राम भरगढी गांव निवासी प्रदीप गायन व लेखन के धनी हैं। 2012 से अपने संगीत लाइन में रूची रखते हुये बहुत गीत मार्केटिंग मे लाये सबसे पहला गीत धनुली। उनका काफी सुपर हुआ था उत्तराखंड के लोकगायक प्रेमसिंह गुसाई जी को अपना संगीत गुरु मानते हैं उनसे बहुत कुछ सिखने को मिला। आज तक 30 से ज्यादा गीतो का गायन कर चुके है और बहुत गीत का लेखन करके नये पुराने गायकों को दिये।
सनका् दूर परदेश दीपा छुमा सौ घास गडोली बुखाल कालिका भजन राधे मामा पहलू प्यार संग्राम बुढडिया रीना बांद रचना ममता मैडम ऊषा मेडम और बहुत गीतों मे अपना गायन और लेखन कर चुके हैं। उनकी प्राथमिक स्कूल भरगढी में एक से पांच तक पढाई की 6से 12तक राजकीय इंटर कांलेज चोलोसैण मे पढ़ाई हुयी। 2007 आईबीपी में भर्ती हो गये थे तब से अपने ड्यूटी के साथ गढ़वाली गीतों मे काफी रूचि रखते हैं साथ में। रामलीला होली का भी बहुत शौक़ रखते। क्रिकेट में जरूर अपने बिशेष सहयोग रखते हैं

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सबसे ज्यादा सहयोग संगीत लाइन में उत्तराखंड कलाकारों के वटसप ग्रुप से मिलता है उनको जो गु्रप 2014मे उन्होंने खोला उनकेे साथ एडमिन रीना रावत दिपिका गुसाई, सुनील ध्यानी, उपेन्द्र बलूनी महाबीर भंडारी और संचय भट्ट है। हाल मे उनका ऊषा मेडम गीत लोग काफी पंसद कर रहे। जिस गीत के निर्माता भाई सूरज पटवाल है। विशेष सहयोग तेजू बिष्ट घनश्याम लाल राजेश कुमार और सभी उत्तराखंड कलाकारों के सदस्यों का रहा है।

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