मकरैंण |गेंद मेले से मिली लालढांग को नयी पहचान| लालढांग से अनिल शर्मा की रिपोर्ट

Share this news

सिटी लाइव टुडे, अनिल शर्मा, लालढांग

गढ़वाल क्षेत्र के ऐतिहासिक गेंद मेले की तरह का आयोजन अब हरिद्वार जनपद में भी होने लगा है। पहाड़ से यहां बसे लोगों की अपनी पारंपरिक धरोहर को विस्तार देने की सोच ने यहां भी गेंद मेले के आयोजन को जन्म दिया है। हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र में 2015 से हर साल मकर संक्रांति पर गेंद मेला आयोजित होता आ रहा है। इससे लालढांग क्षेत्र को नई पहचान भी मिली है। हालांकि, इस बार फिर कोविड के चलते गेंद मेले को स्थगित किया गया है। लेकिन आस्था व विश्वास का रंग और भी गाढ़ा हो रखा है।

गेंद मेला समिति के अध्यक्ष सचिन रावत बताते हैं कि गेंद मेले की जन्म स्थली जनपद पौड़ी के दुगड्डा ब्लाक की थलनदी है। यहां हर साल मकर संक्रांति के दिन ऐतिहासिक गेंद मेला का आयोजन होता है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र से बहुंत लोग आकर यहां लालढांग बसे हुये हैं। बडे़-बुजुर्गों से सलाह-मशविरा करने के बाद तय किया कि लालढांग मेें भी अपनी ऐतिहासिक परंपरा को संजोया जाये और फिर 2015 में पहली बार लालढांग में गेंद मेला आयोजित हुआ। इसके बाद हर साल मकर संक्रांति को लालढांग में गेंद मेला आयोजित होता है। हालांकि, पिछले साल कोविड-संक्रमण के चलते मेले को लघु व सांकेतिक रूप से ही किया गया था। सोसल डिस्टेंसिंग समेत अन्य नियमों का पालन करते हुये पिछले साल गेंद पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की गयी थी।

ad12


मेला समिति के अध्यक्ष सचिन रावत बताते हैं कि रवासन नदी पर काली मंदिर के पास यहां गेंद मेला होता है। रवासन नदी के इस तरफ और उस तरफ के लोगों के बीच गेंद को हासिल करने की प्रतिस्पद्र्धा होेती है। इससे पहले गेंद का पूजन किया जाता है और निशांण यानि झंडा शिव मंदिर से जयकारों व जयघोषों के साथ आयोेजन स्थल तक पहुंचता है। ऐसा ही दूसरे पक्ष की ओर भी किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *