बोेले पूर्व प्रधान| पंचों को क्यों निराश किया सरकार| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल
चुनावी मौसम में प्रदेश सरकार जनता को रिझाने का भरसक प्रयास कर रही है। इसी क्रम मंे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों समेत कईयों का मानदेय बढ़ाया गया है। लेकिन ग्राम पंचायतों के पंच यानि की वार्ड की झोली खाली है। मांग उठ रही है कि पंचों के लिये भी सरकार पिटारा खुले। ग्रांम पंचायत की कैबिनेट में पंचों का अहम रोल होता है।
यह कहना है, द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत दश्मेरी के भूतपूर्व प्रधान अर्जुन सिंह रावत जी का। उन्होंने सिटी लाइव टुडे मीडिया हाउस के संवाददाता जयमल चन्द्रा से रूबरू होकर बताया कि उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एक कार्यक्रम मंे ज़िला पौडी गढ़वाल के मुख्यालय पौडी में शामिल हुए। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कई घोषणायें की उन्होंने कई घोषणाओ का स्वागत किया,निश्चित तौर पर जनप्रतिधियों और आगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं आदि का मानदेय बढ़ाना सराहनीय कदम है।
लेकिन पंचायत सदस्यों की ओर भी ध्यान देने कि आवश्यकता है संवैधानिक पद के साथ विकास कार्यों को धरातल पर लाने का और गति देने की अहम भूमिका पंचायत सदस्यों की होती है उन्हीं के द्वारा जीपीडीपी और अन्य प्रस्ताव पंचायत स्तर पर पास होते हैं।
अर्जुन सिंह रावत ने सरकार से अपील की है कि पंचायत का सबसे निचला स्तम्भ ग्राम पंचायत को मजबूत बनाने की आवस्यकता है। गांव का विकास होगा तो देश का विकास होगा। प्रधान,उप प्रधान की ही तरह वार्ड सदस्यों को भी उचित मानदेय मिलना चाहिए। वे भी ग्राम पंचायत के स्तम्भ है।ग्राम विकास में उनकी भी पूर्ण सहभागिता होती है।उनको इस तरह अनदेखा नही किया जाना चाहिए।अपने वार्ड की सम्पूर्ण जवाबदेयी उनकी होती है। कॅरोना काल मे उन्होंने भी ग्राम पंचायत का पूरा सहयोग किया। प्रवासियों के लिए क्वारन्टीन केंद्रों की ब्यवस्था की,व उनका पूरा ध्यान रखा। प्रधान,उप प्रधान की ही तरह वे भी ग्राम पंचायत की कार्यदायी संस्था के मुख्य स्तम्भ है।