आने लगी नेताओं की बयार| बहने लगी जनता के द्वार। द्वारीखाल से जयमल चंद्रा की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, द्वारीखाल से जयमल चंद्रा की रिपोर्ट
चुंनावी मौसम है तो इसके रंग भी देखने को मिल रहे हैं।संभावित उम्मीदवार के भृमण की बयार आने लग गयी है चुनावी क्षेत्रो में।गांव-गांव,घर-घर आगमन हो रहा है नेताओ का,कुछ जीतने के बाद चार साढ़े चार साल के बनवास के बाद दर्शन देने आ रहे है,जनता के पास अपने विकास की गाथा गाने।तो कई नई पारी खेलने की चाहत लिए जनता जनार्धन से रूबरू हो रहे है,विकास कितना हुआ है और कैसा हुआ है,यह तो जनता ही जानती है।
लेकिन गाथा गाने की होड़ मची है,तो जीतने की चाहत के साथ अपनी दावेदारी की ताल ठोकने वाले नेताजी,वादों का पुलिंदा लेकर भृमण पर आ रहे है।यह तो वक़्त ही बताएगा कि किसको पार्टियों का टिकट मिलता है,और कौन निर्दलीय बनकर सामने आता है। विधान सभा की 70 सीटों में 70 ही विधायक चुने जाएंगे,लेकिन सैकड़ो इस समर में कूदने को तैयार है।विकास की गाथा भी खूब बढ़ चढ़कर गायी जा रही है। और विकास के वादों का पिटारा भी खूब खोला जा रहा है।
जनता क्या फैसला देती है,विकास की गाथा पर जाती है या विकास के वादों के पुलिंदों को समेटती है,यह वक़्त ही बताएगा। जो भी हो ये जनता है सब जानती है,आने वाले तीन चार महीनों में जनता अपने नेता भी चुन लेगी औऱ सरकार भी बन जाएगी।जनता की उम्मीदों व आशाओ को जनता द्वारा चुने हुए नेता किस मुकाम पर ले जाएंगे उनके जमीर पर ही निर्भर है।
कुल मिलाकर निष्कर्ष के रूप में कहा जाय तो जनता व नेताओं को अपना कर्तब्य निभाकर लोकतंत्र को मजबूत बनाना होगा।उत्तराखंड के विकास की नई गाथा लिखनी होगी। जनता को अपने मत्ताधिकार का सद्पयोग करना होगा तो नेताजी को विकास की इबारत लिखनी होगी।