पूनम के चांद पर ग्रहण की छाया| 3 घंटे 29 मिनट रहेगा ग्रहण काल| प्रस्तुति-आचार्य पंकज पैन्यूली
सिटी लाइव टुडे-प्रस्तुति-आचार्य पंकज पैन्यूली
इस बार पूनम का चांद जरा हटकर है। वजह, इस दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। 19 नवंबर को पड़ने वाले इस चंद्रग्रहण की छाया भारत के कुछ इलाकों में नाम-मात्र के लिये दिखाई देगी। ज्योतिष गणना के अनुसार ग्रहण काल की अवधि 3 घंटे 29 मिनट होगी।
देखा जाये तो चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। लेकिन इसके धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व भी बहुत हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो ग्रहण को ज्यादातर मामलों में अशुभ फल देने वाला ही माना जाता है। यही कारण है कि ग्रहण के दौरान और सूतक काल की अवधि में ज्यादातर शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है।। वैज्ञानिक दृष्टिकोण में ग्रहण का प्रभाव-वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रहण के दौरान दुष्प्रभावी गामी किरणों का विकिरण अधिक होता है। जो धरती पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं के लिए हानिकारक होती है। इन किरणों के सीधे संपर्क में आने से स्वास्थ्य,मन और बुद्धि पर दुष्प्रभाव पड़ता है। यहां तक कि जिन लोगों का मानसिक स्वास्थ्य कमजोर होता है उनके मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना रहती हैं। इस दौरान रक्तचाप बढ़ने आदि की भी संभावना बनी रहती है।
चंद्रग्रहण का समय- 12 बजकर 48 मिनट से शुरू।। ग्रहण का समापन-16 बजकर 17 मिनट पर। ग्रहण काल की कुल अवधि-3 घंटे 29 मिनट ।।
किस राशि और किस नक्षत्र में लग रहा है ग्रहण- वृष राशि और कृतिका नक्षत्र में यह ग्रहण लग रहा है। भारत के किन-किन राज्यों में यह ग्रहण लग रहा है-यह ग्रहण भारत के पूर्वी राज्यों अरुणांचल, और असम के आसपास के क्षेत्रों में बहुत ही अल्प और बहुत ही कम समय के लिए दिखाई देगा।।
किन-किन देशों में यह ग्रहण दृश्यमान होगा-यूरोप,एशिया,ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका,उत्तर पश्चिमी अफ्रीका,कैनेडा जैसी कुछ चुनिंदा जगहों में यह ग्रहण दिखाई देगा।।
विशेष-जिन-जिन राज्यों अथवा जगहों पर चंद्रग्रहण दृश्यमान नही होगा उन-उन स्थानों पर सूतक और चन्द्र ग्रहण का किसी भी प्रकार से दोष नही होगा।
वृष राशि वालो के लिए विशेष-यह चंद्रग्रहण वृष राशि पर लग रहा है, हालांकि इस ग्रहण का भारत के अधिकांश हिस्से में कोई भी असर नही है, फिर भी वृष राशि वालों के मन में ग्रहण के दुष्प्रभाव को लेकर कुछ शंकाये रह सकती हैं। अतः यदि आप के मन में किसी भी प्रकार की शंका है तो आप निम्न उपाय कर सकते हैं।।
उपाय-चंद्र ग्रह के मंत्र का जप,ॐ नमः शिवाय‘ का जप अथवा महामृत्युंजय मंत्र का यथा संख्या जप कर सकते हैं।