दुखद| चला गया ” जिंदादिल ” | दुंदुभि के संपादक सुधींद्र नेगी नहीं रहे| सुधांशु थपलियाल की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस, कोटद्वार| सुधांशु थपलियाल


जनपक्षीय पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ और सामाजिक सरोकारों के पैरोकार कोटद्वार साप्ताहिक समाचार पत्र दुंदुभि के संपादक वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र नेगी नहीं रहे। उनके निधन पर मीडिया जगत से लेकर तमाम सामाजिक, राजनीतिक व गैर-राजनीति संगठनों ने गहरा शोक जताया है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सुधींद्र नेगी एक जिंदादिल इंसान थे और युवाओं की आवाज बनकर दहाड़ते थे।

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सुधींद्र नेगी काफी समय से बीमार थे, उनका इलाज चल रहा रहा था, लेकिन वे अंतिम समय तक हौसले व हिम्मत के साथ बीमारी से लड़े। वे अपनी बीमारी में भी मुस्कराते रहे। वरिष्ठ पत्रकार नेगी एक जिंदादिल इंसान, कलम के धनी नेगी निर्भीक और समाज को दिशा देने वाली पत्रकारिता के लिए हमेशा याद किए जायेंगे।
निर्भीक पत्रकारिता, उन्हें अपने पिता कामरेड भूपेंद्र सिंह नेगी से विरासत में मिली थी, उनके दादा गोकुल सिंह नेगी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका पत्रकारिता का सफर 80 के दशक से शुरू हुआ, ठहरो साप्ताहिक से शुरू यह सफर 2005 में दुंदुभि साप्ताहिक के साथ निरंतर चलता रहा। ठहरो के आर्टिकल शोध छात्रों के लिए बहुत ही खास होते थे। सुधींद्र नेगी पत्रकार ही नहीं एक सम्पूर्ण कलाकार, बाँसुरी, संगीतकार, निर्देशक रंगमंच के निर्देशक में भी महारत हासिल थी। उनके भीतर मानवीय मूल्यों के प्रति बड़ी संवेदना उनमें थी। उनका अंतिम संस्कार कण्वाश्रम स्थित पैतृक घाट पर किया गया।

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