चिडियापुर | विकास की ” उड़ान ” का इंतजार करते ग्रामीण | नरेश सैनी की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, नरेश सैनी, चिडियापुर
हाईवे से सटा चिडियापुर गांव विकास की राह ताक रहा हैै। सूरत-ए-हाल यह है कि मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। न तो अधिकारियों की नजर-ए-इनायत हुयी हैं और ना ही नेताजी ने कुछ किया है। केवल और केवल ग्रामीणों को लाॅलीपाॅप मिलता रहा है। खास बात यह है कि गांव के चारों ओर वन क्षेत्र होेने के कारण पक्की सड़कें भी नहीं बन पायी हैं।
इस गांव की कहानी यह है कि पानी के लिये आज भी हैंडपंप ही सहारा बना हुआ है। चिडियापुर गांव में पानी का टैंक तो बना है लेकिन आज तक इससे पानी की आपूर्ति नहीं हुयी है। जबकि पानी की लाइनें तक बिछाई गयी हैं। इसे बिडंबना नही ंतो और क्या कहेंगे। चिडियाुपर गांव वन क्षेत्र से घिरा हुआ है। लिहाजा, गांव के रास्ते वन विभाग के अधीन आते हैं। रास्ते क्षतिग्रस्त हो रखे हैं और बरसात में भारी परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। दिक्कत यह है कि ग्रामीण इन रास्तों को स्वयं भी ठीक नहीं कर सकते हैं और वन विभाग है कि कुछ करने को तैयार ही नहीं है। अलबत्ता, युवाओं ने रास्तों में उगी झाड़ियों को साफ किया है। इससे थोड़ी सी राहत जरूर मिली है। ग्रामीण भगवान सिंह बिष्ट, टेक चंद सैनी, सुरेंद्र सिंह सरदार, वाले सिंह, संजीव कुमार, सद्दाम, राजेश सिंह, राहुल आदि बताते हैं कि गांव में मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। जनप्रतिनिधियों से केवल भरोसा ही मिलता रहा है।