कोविड काल मेें निखरी गायिकी लेकिन बेरोजगारी ने घेर लिया | पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, कल्जीखाल, पौड़ी
कहते हैं कि आफत में अवसर भी मिलते हैं। लाकडाउन ने एक युवा गायक को नयी पहचान तो दी लेकिन बेरोजगार भी बना दिया। गायिकी का हुनर तो दूर-दूर तक जाना व पहचाना गया लेकिन खाली हाथों को काम नहीं मिल रहा है। जिक्र हो रहा है युवा गायक मनीष पंवार की जो इन दिनों बेरोजगार का दंश झेल रहा है।
जनपद पौड़ी के सकिनखेत निवासी युवा गायक मनीष पंवार कोरोना की पहली लहर में अपने गांव आये तो 14 दिन तक कोरिंटाइन होना पड़ा। सो, 14 दिनांे तक स्कूल में डेरा डाल दिया। इन चैदह दिनों में हारमोनियम को लेकर संगीत की तान छेड़ दी तो लोग सुनते ही रह गये। गीत एक से बढ़कर एक और आवाज ऐसी कि हर कोई दीवाना हो गया। गढ़ रत्न लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी का गीत छान्यूमा कर्यू डेरू, घर गौरू छुड्यूमा, को कोरोना से जोड़कर गाया। मनीष पंवार ने गाया कि छान्यूंमा कर्यूं डेरू, घर गौउ छुड्यूमां चा, कोरोना तेरा बाना।
ये बोल सोशल मीडिया में जबरदस्त तरीके से वायरल हो गये और मनीष पंवार की गायिकी को नई पहचान मिली। मनीष पंवार इससे पहले भी कई मंचों पर प्रस्तुतियां दे चुके हैं। सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय मनीष गीत-संगीत की तान छेड़ते रहते हैं और लोगों की पसंद बनते रहते हैं। कोविड की पहली लहर से पहले मनीष दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते थे लेकिन कोविड में घर लौटने के बाद वे बेरोजगार हैं।
सरकार ने दावे भी किये कि घर लौटे लोगों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराया जायेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं हैं। मनीष गांव में ही रोजगार करना चाहते हैं लेकिन उन्हंे रास्ता नहीं मिल रहा है। मनीष पंवार बताते हैं कि कोविड काल में कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे हें तो कलाकार बेरोजगार हो गये हैं। कहते हैं कि सब्र बनाये हुये हैं कभी अपना भी दिन आयेगा।