आओ, योग करें | संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करता है योग | सुनीता कश्यप की खास रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, प्रस्तुति-सुनीता कश्यप
आज देश सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। योग में वो शक्ति है जो शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक रूप से मजबूत करती है। शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिये योग जरूरी है। यानी योग दूर भगाये रोग। योग की कई विधियां व प्रकार हैं। योग की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान समय में सात समंदर पार भी योग का क्रेज बढ़ा है। आइये, आपको योग के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हैं। पेश है यह खास रिपोर्ट।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। योग का जनक भगवान शिव को माना जाता है। सबसे पहले योग की शिक्षा भगवान शिव ने मां पार्वती को दी। इसके बाद भोलेनाथ ने अपने 7 शिष्यों को योग की शिक्षा दी जो आगे चलकर सप्त ऋषि बने। आधुनिक समय में योग का जनक महर्षि पतंजलि को माना जाता है क्योंकि उन्होंने योग को नवीनता प्रदान की। साधु-संतों व मठों से निकालकर आम नागरिक के बीच में योग को लेकर आये। इसमें कोई दोराय नहीं है कि बाबा रामदेव ने भी योग को नई पहचान दी और विश्व पटल पर योग अपनाया गया। पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।
खास बात यह है कि यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। योग मनुष्य को दीर्घायु के साथ-साथ व्यक्तित्व में एक सौंदर्य उत्पन्न करता है। शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक हर प्रकार से आपको सुंदर बनाता है। आपके व्यक्तित्व को उभरता है। आपको बलवान व धैर्यवान बनाता है। योग ही तो है जो संयम व प्रेम की भाषा सिखाता है। अगर आप खुद और देश समाज को विकसित करना चाहते हैं तो अपने जीवन में योग को अवश्य अपनायें। आज के तनावपूर्ण समय में योग की अति आवश्यकता है।