मकर संक्रांति…. कुमाऊं की वैभवशाली संस्कृति के भव्य दर्शन| अनिल शर्मा की Report
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-अनिल शर्मा, लालढांग
मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान भी हुआ और कई जगहों पर भव्य व दिव्य कार्यक्रम भी आयोजित होने की खबरें हैं। लालढांग समेत कई गढ़वाल के क्षेत्रों में गेंद मेले के आयोजन का समाचार भी है। जगह-जगह गढ़वाल की वैभवशाली दिव्य संस्कृति के भव्य दर्शन हुये हैं। इसी क्रम में अपने लालढांग में भी गेंद मेला आयोजित होने की खबर है। इसके अलावा यहां जन कल्याण पर्वतीय संगठन ने मकर संक्रांति के अवसर पर गाजीवाली भूमिया मंदिर के समीप कुमाऊं का पारंपरिक नृत्य का आयोजन किया। संगठन की महिलाओं ने ढोल की थाप पर युवाओं को भी पहाड़ की रीति रिवाजों से अवगत कराया।
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कुमाऊं मंडल में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले झोड़ा गाया जाता है। यह गीत सामूहिक रूप से गाया जाता है, जिसमें गीत के साथ नृत्य भी किया जाता है। गोल घेरे में खड़े होकर एक दूसरे से हाथ व कंधा जोड़कर झोड़ा गाया जाता है। इस झोड़े का विशेष महत्व घर में शांति और नए कार्य की शुरुआत करने से पहले उस कार्य को सफल बनाने की प्रार्थना के रूप में किया जाता है। झोड़े को आसान भाषा में मंगल गीत भी कहा जाता है। शादी विवाह से पहले या जनेऊ संस्कार से पहले घर में भगवान की कथा करने से पहले झोड़े गाने का रिवाज आज भी कुमाऊं में है।