नमस्कार द्वारीखाल |गिंदी कौथिग… लंगूर पट्टी व ढौंरी के पाले में गेंद| मिली विजयश्री| कमल उनियाल की Report

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सिटी लाइव टुडे, कमल उनियाल, द्वारीखाल


गिंदी कौथिग में कौथिगेरों ने जमकर आनंद लिया। गढ़वाल क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर आयोजित गिंदी कौथिग में गंेद अपने कब्जे में करने को लेकर जमकर शक्ति प्रदर्शन हुआ और आखिरी वक्त तक जीत हासिल करने को पूरी ताकत झोंकी गयी। गढ़वाल क्षेत्र के थलनदी, डांडामंडी, देवीखेत समेत अन्य जगहों पर गेंद अपने पाले करने को लेकर जोर आजमाइश की गयी। प्राप्त जानकारी के अनुसार लंगूर पट्टी व ढौंरी के विजयश्री प्राप्त की है। अन्य जगहों पर भी खासा दमखम देखा गया।

गिंदी कौथिक उत्तराखंड की संस्कृति का अहम हिस्सा हैं। वर्षाे से चला आ रहा गिंदी कौथिग का मेला मकर संक्रांति के दिन को संपन्न हुआ। पौड़ी जनपद के थलनदी, डाडामंडी, देवीखेत, सांगुडा, दालिमखेत, में लगने वाला प्रसिद्ध मेला मे कौथिग और
कोथिगरो के रंग में रंगा रहा। सुबह से ही कोथिगरो की भीड उत्साह और उमंग के साथ कौथिग देखने उमड पडे। अपनो से मिलन, भाईचारा और संस्कृति की पहचान बन चुका गिंदी कौथिग का अपना ही अलग पहचान है।


अपनो से मिलन, खरीददारी, तरह तरह के पकवान खाने के बाद सभी कौथिगरो को जिसका इंतजार रहता है वह है संघर्ष और रोमांच से भरा बीस किलो चमडे से बना गिंदोडा नामक फल से सिला गेंद को अपने अपने पाले में करने के लिए खेल को देखने के लिए प्रवासी तथा रेवासियो की भीड देखने को मिली। गेंद को अपने अपने पक्ष में करने के लिए सभी जगह शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला। इस मल्ल युद्ध में खिलाड़ियों की कोई संख्या निश्चित नहीं होती है।

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डाडामंडी और देवीखेत गेंद के मेला मे गेंद को अपने पक्ष में करने के लिए रोमाचंक मुकाबला के लिए शक्ति प्रदर्शन हुआ। डाडामंडी मेला में लंगूर तथा भटपुडी के रोमांचक मुकाबला में लंगूर पट्टी ने विजय हासिल की। देवीखेत गेंद के मेले में भी गेंद को अपने पाले में करने के लिए जोरदार संघर्ष में दिखेत और ढौंरी के बीच मुकाबला में ढौंरी ने बाजी हासिल की। खेल के दौरान अप्रिय घटना ने हो सभी मेलो में लोग अपने अपने मंदिर के ध्वज लेकर अपने पट्टीयो के खिलाड़ियों
का उत्साहवर्धन करते हैं।

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