जय श्रीराम…..और जब ताड़का का हुआ वध| यहां भी हो रहा श्रीराम लीला मंचन| Click कर पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस

धर्मनागरी हरिद्वार की बड़ी रामलीला में ताड़का वध के मंचन से दर्शकों से खचाखच भरा पंडाल रोमांचित हो उठा। वहीं, राजा जनक के हल चलाने से माता सीता का जन्म होने से जनकपुरी में उत्सव मनाने का मंचन भी किया गया। गुरुवार देर रात तक चले रामलीला के मंचन में राक्षसों के बढ़ते अत्याचार को रोकने के लिए ही ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ के दरबार में जाते हैं। उनसे श्रीराम और लक्ष्मण को अपने साथ ले जाकर यज्ञ रक्षा करने का वास्ता दिया तो राजा दशरथ ने रघुकुल की परम्परा तथा राजधर्म का निर्वाह करते हुए राम व लक्ष्मण को ऋषि विश्वामित्र के साथ भेज दिया।

श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र चड्ढा एवम ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री सुनील भसीन के नेतृत्व में आज का मंचन अति उत्तम रहा। मुख्य दिग्दर्शक श्री भगवत शर्मा के निर्देशन में रामलीला के सर्वाधिक भावुक उस दृश्य की प्रस्तुति की गई, जिसमें राजा जनक के राज्य में सूखा पड़ गया और जनता भूख से व्याकुल हो उठी। राजा के जनता का हितैषी होने का आदर्श प्रस्तुत करते हुए दिखाया कि राजा जनक को स्वयं जनता के दु:ख-दर्द का एहसास हुआ। उन्होंने जनता के बीच जाकर न केवल उसकी समस्याओं का समाधान किया, बल्कि वर्षा होने की कामना को लेकर स्वयं हल चलाया। राजा जनक के इसी पुरुषार्थ का परिणाम था कि हल का फल एक घड़े से टकराया और उस घड़े से कन्या के रूप में सीता का अवतरण हुआ।

जिससे जहां वर्षा होने से सूखा समाप्त हो गया, वहीं माता सीता के जन्म के बाद दर्शकों ने खूब उल्लास मनाया। आज की लीला में मुख्य अभिनय कमेटी के दिग्दर्शक श्री साहिल मोदी ने राम का अभिनय, विश्वामित्र का अभिनय पवन खैरवाल, तड़का का अभिनय मानिक गिरी, राजा जनक का अभिनय संजीव गिरी तथा सीटू गिरी, मनोज शर्मा वा शिखर जोहरी ने विभिन्न अभिनय किया।

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ट्रस्ट के मंत्री रविकांत अग्रवाल, कमेटी के महामंत्री महाराज कृष्ण सेठ, कोषाध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, उपमंत्री कन्हैया खेवड़िया ने आज के मंचन को सफल करने में अत्यंत परिश्रम किया। मंच का बेहतरीन संचालन डॉ संदीप कपूर एवम विनय सिंघल ने किया। श्रीरामलीला कमेटी को इस बार युवा शक्ति का भी बहुमूल्य सहयोग एवम समय मिल रहा है जिसमे ऋषभ मल्होत्रा, विशाल गोस्वामी, दर्पण चड्ढा, मनोज बेदी, विकास सेठ, राहुल वशिष्ठ तथा वरिष्ठ सदस्यों में गोपाल छिब्बर सुरेन्द्र अरोड़ा पवन शर्मा का भी सहयोग रहा।

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