Kotdwar News…भव्य शहर तो जरूर बना लेकिन कब खुलेंगे विकास के द्वार| जगमोहन डांगी की Report

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सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी गढ़वाल

गढ़वाल का द्वार कहे जाने वाला कोटद्वार निरंतर बढ़ती आबादी के कारण एक भव्य शहर में तब्दील तो हो गया जिस कारण कोटद्वार नगर पालिका से नगर निगम भी बना दिया लेकिन उत्तराखंड पृथक राज्य बनने के बाद भी कोटद्वार उपेक्षित हैं। अपेक्षा के अनुरूप विकास नही हुआ

सैनिक बहुबल्य क्षेत्र कोटद्वार की जनता ने विधानसभा में राज्य बनने के बाद बारी बारी से कांग्रेस भाजपा को मौका देती रहीं जिस भी दल का विधायक जीतकर कर जाता उसी दल की राज्य में सरकार बनाती आई लेकिन 2017 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कोटद्वार से कांग्रेस से आए हरक सिंह रावत को मैदान में उत्तरा और वह जिस प्रकार आजतक किसी भी विधानसभा में चुनाव जीतते आए यह भी उन्होंने अपना चुनाव जीतने के सफर जारी रखा लेकिन वह कोटद्वार की जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उत्तरे और इस बात का उन्हें भी एहसास हो गया था

उन्होंने अंतिम समय में चुनाव न लड़ने की बात कहकर अपने को कोटद्वार विधानसभा से किनारे कर लिया चुनाव के अंतिम समय में पर यह से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री बी सी खंडूरी की पुत्री एवं यमकेश्वर की पूर्व विधायक ऋतु खंडूरी को मैदान में उत्तरा वही कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी पहले से मैदान में थे। जिनके जीतने के पहले कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन पहली बार भाजपा ने पौड़ी जनपद की कोटद्वार सहित सभी सीटों पर लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में सफल रही और कोटद्वार की विधायक ऋतु खंडूरी वर्तमान में विधानसभा स्पीकर हैं।

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लेकिन वर्तमान कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र की जनता अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रही इसका उदाहरण 20 सितंबर को देखने को मिला कोटद्वार के तमाम सामाजिक संगठन कोटद्वार बचाओ संघर्ष समिति बैनर तले एक मंच पर आकर अपनी पांच मांगो को लेकर कोटद्वार बंद का आवाह्न किया था जो पूर्णतय सफल रहा यह क्या पांच मुख्य मांगे हैं।

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