The Hans Foundation| यहां लौटती हैं जरूरतमंदों की खुशियां, कुछ ऐसा हम भी करें| कमल उनियाल की Report
सिटी लाइव टुडे, कमल उनियाल, द्वारीखाल
देवभूमि उत्तराखंड सदियों से संत महापुरुषो की जन्म स्थली रही है। यहाँ ऐसे विभूतियो का जन्म हुआ है जिन्होने निस्वार्थ भाव से असहाय एवम जरुरतमंदो की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया है। इन्ही महान विभूतियो में है भोले महाराज और करुणामयी माता मंगला जी जो पूरे देश में जरुरतमंदो, असहाय, गरीबो, बीमारो की सहायता कर रहे है। जिनका उदारता का जीता जागता
उदाहरण हैं उनका धमार्थ ट्रस्ट द हंस फाउंडेशन जिसकी स्थापना 2009मे करके 28 राज्यो मे समाज सेवा के कार्याे में अहम योगदान दे रहे है। उनके द्वारा निर्मित पौड़ी जनपद के सतपुली चमोलीसेण में हंस फाउंडेशन चिकित्सालय गरीब असहाय लोगो के लिए वरदान साबित हो रहा है। यहां अनेक बीमारियों का सफल उपचार होता है। इन्ही बीमारियों एक आजकल मानव ज्योति का इलाज सफलतापूर्वक चल रहा है।
माता मंगला जी के जन्मदिन 27 जुलाई से हंस फाउंडेशन चिकित्सालय द्वारा जगह जगह कैम्प लगाकर आँखो में मोतियाबिन्द तथा अन्य बीमारियों का ईलाज चल रहा है। 27 जुलाई से अब तक 260 लोगो का लैंस प्रत्यारोपण कर सफल आपरेशन किया गया है। सर्जन स्पेशलिस्ट डा०नितिन मुकेश ने बताया यहाँ आपरेशन के लिए टिहरी गढ़वाल, कुमाऊँ मण्डल, हरिद्वार सहित प्रदेश के अन्य जिलो से मरीज आँखो के आपरेशन के लिए आ रहे है।
यहाँ आपरेशन, लैंस प्रत्यारोपण सभी निशुल्क में किये जाते है। भोजन व्यवस्था से लेकर मरीजो को लाने
ले जाने की व्यवस्था तक भी निशुल्क है। क्षेत्रीय जनता का कहना है जहाँ सरकार भी ईलाज के विवश हो जाती है वहाँ हंस फाउंडेशन गरीबो का मसीहा बना है। गरीब दिल्ली चंडीगढ़ देहरादून धन के अभाव नही जा पाता था वही हंस फाउंडेशन हास्पिटल जनता के लिए वरदान बना है। यही नही द हंस फाउंडेशन शिक्षा, वन संरक्षण, जल संरक्षण, खेल, आपदा, स्वास्थ्य, कला संस्कृति को बढाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।