Education.विदाई के वक्त आंख भर आयी| छात्र बोले सर जी हमें छोड़कर मत जाओ| अनिल शर्मा की Report

Share this news

सिटी लाइव टुडे, अनिल शर्मा, लालढांग

हरिद्वार। शानदार, अद्धभुत, अविश्वसनिय। एक शिक्षक के काम को शायद ही ऐसे कोई सलाम करता हो। यूं तो आए दिन सरकारी विद्यालयों की कमियों की खबर सामने आती रहती हैं। लेकिन ऐसे भी शिक्षक हैं जिन्होंने अपने दम पर न केवल अपने स्कूल बल्कि क्षेत्र के अन्य स्कूलों को भी सुविधा संपन्न बनाने में जी तोड़ मेहनत की। काम से कमाल पैदा हुआ और विद्यालय को अंतराष्ट्रीय पहचान मिली। शिक्षक और छात्रों का लगाव कैसा है अपने गुरु की विदाई के दौरान छात्रों ने दिखाया और फफक फफक कर रो पड़े, कहने लगे सरजी हमें छोड़कर मत जाओ।


दरअसल आज जनपद के दुर्गम स्कूल टांटवाला के सहायक अध्यापक डॉ. शिवा अग्रवाल ने स्थानांतरण होने के चलते विद्यालय से कार्यमुक्ति ली। लेकिन जब शिक्षक स्कूल से विदा होने लगे तो उनके विद्यालय के छात्र अपने गुरु की विदाई सहन नही कर सके और फफक फफक कर रोने लगे। हालांकि गुरुजी छात्रों को समझाते रहे लेकिन छात्रों का प्यार देखकर गुरु जी की भी आंखें भर आई और उनका गला भी रुंध गया। मई 2014 को बहादराबाद ब्लॉक के टांटवाला प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षक डॉ. शिवा अग्रवाल सिंह की तैनाती हुई। शिक्षक शिवा अग्रवाल ने नए तरीकों को अपनाकर बच्चों को पढ़ाया और उनको आधुनिक तरीके से शिक्षा देनी शुरू कर दी।

विद्यालय बने आनंदालय के तहत खेल खेल में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने सामुदायिक सहभागिता के तहत शिक्षा, स्वाथ्य एवं सुरक्षा पर फोकस किया जिस कारण वह बच्चों में काफी लोकप्रिय हो गए। नावाचारी शिक्षण से छात्रों के बीच एक रिश्ता बन गया। अपने 9 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने दर्जनों कार्यक्रम किये। जिसमें ग्लोबल कल्चरल एक्सचेंज कार्यक्रम से विद्यालय को प्रसिद्धि मिली जिसमें नीदरलैंड के 50 छात्रों ने विद्यालय में प्रवास किया।

ad12

प्रदेश का पहला बीमित स्कूल बना तथा 22 साल बाद किसी जिलाधिकारी ने स्कूल आकर वहां के कार्यकलापों को सराहा। डॉ. शिवा अग्रवाल ने बालिका शिक्षा, सौ फीसदी कंप्यूटर साक्षरता हेतु ई- हब की स्थापना, लाइब्रेरी की स्थापना, रोजगार हेतु सिलाई केंद्र, क्षेत्र के 50 स्कूलों में शौचालय, वाटर कूलर, फर्नीचर सहित अन्य कार्यों में योगदान दिया। उनके इन्हीं कार्यों से प्रभावित होकर लन्दन की रोहम्पटन यूनिवर्सिटी से उन्हें विशेष सम्मान एवं 2017 का प्रतिष्ठित राज्यपाल पुरस्कार दिया गया। आज उनके जाने पर स्टाफ, अभिभावकों एवं बच्चों की आँखे नम थी। प्रधानाध्यापक घनश्याम सिंह ने कहा की उनका काम शानदार है। स्कूलों में नवाचार और विकास की गंगा भी वह जहाँ जाएगे वहीँ समर्पण से काम करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *