Pauri news…जीव और ब्रह्म के मिलने से बनता है महारास| बोले रसिक महाराज| जगमोहन डांगी की Report
सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी गढ़वाल
असीम आस्था का केंद्र श्री डांडा नागराजा मंदिर में इन दिनों धर्म-अध्यात्म का रंग और भी ज्यादा गाढ़ा हो रखा है। यहां चल रही श्रीमद्भागवत कथा मन-मंदिर में भक्ति की अखंड जोत प्रज्ज्वलित कर रही है।
श्री डांडा नागराजा मंदिर पौड़ी गढ़वाल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। छठवें दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने रास पांच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।
कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। कथा के दौरान आचार्य ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है। ज्ञात हो की श्री डांडा नागराजा धर्म क्षेत्र विकास समिति के सहयोग से श्रीडांडा नागराजा मंदिर में प्रांगण में 4 जून से श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ आयोजन चल रहा हैं।
छटवा दिवस पर इस अवसर पर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भी व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज, उदासीन अखाड़े के सोहम स्वामी, कल्याण ब्रहमचारी,डांडा नागराजा धर्म क्षेत्र विकास समिति के अध्यक्ष सुभाष देशवाल जी,डांडा नागराजा मंदिर समिति के अध्यक्ष कमलेश चमोली,सचिव राजेंद्र प्रसाद बिजल्वान उपाध्यक्ष उपेन्द्र भट्ट, कोषाध्यक्ष मुकेश विष्ट, पुजारी गणेश देशवाल,किशोर देशवाल,विनोद देशवाल,आज दिल्ली एनसीआर चंडीगढ़ देहरादून पौड़ी ऋषिकेश हरिद्वार आदि महानगरों से भारी संख्या में प्रवासी एवं स्थानीय गांवों से भक्तजन उपस्थित रहे।