” पहाड़ी भैजी ” गिरीश ने ” गंगा की गोद ” में कराये कुमाऊं के दर्शन| Click कर पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


बात ज्यादा पुरानी नहीं है। सप्ताहभर ही हो रहा है अभी जब गंगा की गोद हरिद्वार में कुमाऊं की वैभवशाली संस्कृति के साक्षात दर्शन हुये। कुमाऊं की छटा ऐसी बिखरी कि दिल बाग-बाग हो गया। लय व सधे हुये अंदाज में लोक कवि व लोक गायक गिरीश सनवाल पहाड़ी ने कुमाऊं संस्कृति की ऐसी तान छेड़ी कि सारी महफिल इसी के रंग में रंग गयी। मौका था दैनिक भास्कर मीडिया हाउस के खास कार्यक्रम शहीद सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन का।


हरिद्वार स्थित ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को नमन करते हुये सरकार की उपलब्धियों व योजनाओं को बखान किया।

इसके बाद शुरू हुयी कविता की महफिल। गढ़वाल व कुमाऊं के कवियों ने सामाजिक ताने-बाने पर प्रहार करते हुये सरकारी सिस्टम पर भी निशाना कसा।

त्यर पहाड़ म्यर पहाड़, क्वै कुछ छौ म्यर पहाड़,
क्वै नि हय त्यर अपण यू अपणलु छब्ड पहाड़


बारी आयी गिरीश सनवाल पहाड़ी तो महफिल की रौनक व रंगत और भी बढ़ गयी। पहाड़ी दादा ने कुमाऊं की संस्कृति के तमाम पहलुओं को गीत व कविताओं में ऐसा उकेरा कि ऐसा लगा कि मानों गंगा की गोद हरिद्वार में ही आ गया हो।


गिरीश सनवाल पहाड़ी पूरे लय व रिदम दिखे और सधु हुये अंदाज में महफिल की रौनक बढ़ा दी। उन्होंने पहाड़ की संस्कृति को जितने बेहतरीन अंदाज में बयां किया उतने ही सधुे हुये अंदाज में पहाड़ की खुद को ताजा कर दिया।


कवि सम्मेलन में हास्य कलाकार किशना बगोट, गजलकार मधुसूदन थपलियाल, गीतकार व गायक हेमू भट्ट, मलखीत रौथाण आदि ने भी कविता पढ़ी।

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