Research….अब नहीं आयेगा बुढ़ापा| मिल गया बुढ़ापे पर ब्रेक लगाने वाला रासायनिक| Click कर पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
कोई भी व्यक्ति बूढ़ा नहीं होना चाहता है लेकिन बुढ़ापा है कि आता ही जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सबकुछ ठीकठाक रहा तो अब बुढ़ापा नहीं आयेगा। दरअसल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के बायोकेमेस्ट्री विभाग के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने एक ऐसा रसायन खोजा है, जो जल्द बूढ़ा तो होने ही नहीं देगा, उम्र भी लंबी करेगा। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि यह शोध एक चूहे पर सफल रहा है। अब यह परीक्षण मनुष्यों पर होगा। यह शोध पत्र जर्मनी के प्रतिष्ठित जर्नल जेड नेशरोफॉर्श ने प्रकाशित किया है।
मीडिया रिपोर्टों के हवाले से खबर है कि बायोकेमेस्ट्री विभाग के प्रो. एसआई रिजवी ने उम्र पर काबू पाने (एंटी एजिंग गुण) वाले बरबरीन केमिकल को तलाशा है। यह रसायन उत्तरी हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले दारु हरिद्रा पौधे से मिलता है। पीले या भूरे रंग के इस पौधे को भारतीय बरबेरी या हल्दी ट्री भी कहते हैं। बरबरीन का प्रयोग उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, आंख, नाक, कान के रोगों और जख्मों को जल्द ठीक करने में किया भी जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो प्रो. रिजवी की टीम ने बरबरीन का प्रयोग सफेद रंग वाले एक मॉडल चूहे पर किया। इसकी उम्र छह माह थी। उसके शरीर में एक निश्चित मात्रा में केमिकल पहुंचाया गया। इसका शरीर पर असर यह हुआ कि जो अंग एक समय के बाद बूढ़े होने के कारण शिथिल पड़ सकते थे, रसायन ने उसकी रफ्तार ही धीमी कर दी। इससे उसकी उम्र भी बढ़ी।
इसी आधार पर शोध पत्र में दावा किया गया है कि इस रसायन के प्रयोग से लंबी उम्र के बाद भी इंसान बूढ़ा नजर नहीं आएगा। उम्र भी क्वालिटी वाली जी सकता है। दरअसल, एक उम्र के बाद किसी भी इंसान की हड्डियां, फेफड़े, हृदय और दूसरे अंग कमजोर पड़ने लगते हैं। चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं। बरबरीन केमिकल इनसे बचा सकता है।
प्रो. रिजवी बताते हैं कि चूहे पर प्रयोग सफल होना उत्साहवर्धक है। अगले चरणों में यह शोध कई महत्वपूर्ण परिणाम दे सकता है। ऐसी दवाएं भी बनाई जा सकती हैं, जो जल्दी बूढ़ा होने से बचा लें। बकौल प्रो. रिजवी, यह शोध आगे बढ़ने का सिर्फ रास्ता दिखाता है। इंसानों में शोध की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेजों को ही निभानी होगी।