खस्ताहाल से गुजर रही अंग्रेजों के जमाने की यह सड़क| कमल उनियाल की रिपोर्ट

Share this news

सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


किसी राज्य की विकास की प्रथम नींव सडक होती है गाँधी जी का सपना भी था कि देश का विकास गाँव की पगडंडी से होकर गुजरता है बिना सडक सुविधा से विकास की कल्पना बेकार है लेकिन अंग्रेजों के जमाने का एकमात्र राष्ट्रीय राजमार्ग को बनने
मे दशकों से आंखे पथरा गयी हैं। यह मार्ग है जनपद पौडी गढवाल के विकास खंड द्वारीखाल के द्वारीखाल बाँघाट राष्ट्रीय राजमार्ग अंग्रेजों शासन काल में एकमात्र राष्ट्रीय राजमार्ग था।

यह मार्ग हरिद्वार, कोटद्वार, दुगडा डाडामंडी द्वारीखाल होते हुए बाँघाट काँसखेत अदवाणी होते हुये पौडी से नीती माणा जाने का एकमात्र राजमार्ग था। अंग्रेज शासन काल में फौजी घोडे खच्चर से नीती माणा जाते थे तथा यात्री भी इस मार्ग से सरकारी सेवा में जाते थे।
सन 1981मे हेमवती नंदन बहुगुणा जी ने डाडामंडी बाँघाट तक डामरीकरण मोटर मार्ग स्वीकृत कराया था जो कि डाडामंडी द्वारीखाल तक डामरीकरण हो चुका है पर द्वारीखाल बाँघाट मार्ग की हालात जस की तस है कभी अंग्रेज शासन काल में इस राजमार्ग पर चहल कदमी रहती थी पर इसमे चलना भी दूभर हो गया है। पंद्रह गाँवो को जोडता यह मार्ग न बनने से आधे से ज्यादा गाँव के लोग पलायन कर चुके हैं।

ad12

बुराँसी गाँव के अध्यापक विश्वेशवर प्रसाद डोबरियाल ने 1984 से इस सडक बनबाने के लिए शासन प्रशासन जनप्रतिनिधियो लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों तथा पौडी जिले के पाँचो मुख्यमंत्रीयो तक इस सडक मार्ग के लिए अपनी आवाज पहुँचायी अनशन भी किया पर शासन के कान मे जूँ तक नहीं रेँगी पर पहाड का यह दशरथ माँझी अभी भी अपनी लडाई अकेला लड रहा है। सूचना के अधिकार मे पता चला द्वारीखाल से बाँघाट तक हल्का वाहन मार्ग दिखाया गया है मसटरोल पर चार श्रमिक कार्यरत दिखाये गये हैं पर आज तक एक भी पत्थर नही हटाया गया। अब भी इस मार्ग को नहीं बनाया गया तो स्थानीय जनता आंदोलन को बाध्य होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *