हरिद्वार ग्रामीण| तो खिसक रही कांग्रेस की ” जमीन ” ? click कर पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
जनपद हरिद्वार की हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस की जमीन खिसक रही है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस सीट पर कांग्रेस कमजोर पड़ रही है। जिला पंचायत चुनाव और इसके बाद हुये सियासी घटनाक्रम से तो ऐसा ही लग रहा है। सियासी जानकार इसको बहुत करीब से देख भी रहे हैंे और इसके सियासी मायनों को भांप भी रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत ने जीत दर्ज की। अनुपमा ने स्वामी यतीश्वरानंद को पराजित किया। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर दस सालों तक विधायक रहने के बाद स्वामी कोे हार का सामना करना पड़ा था। खास बात यह है कि हार मिलने के बाद स्वामी की हरिद्वार ग्रामीण सीट में सक्रियता बढ़ी है। स्वामी यहां लगातार सक्रिय हैं। जिला पंचायत चुनाव में भी इस सीट पर स्वामी की सक्रियता बनी रही।
गैंडीखाता जिला पंचायत सीट के चुनाव को पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद और वर्तमान विधायक अनुपमा रावत की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा था। आखिरकार जिला पंचायत चुनाव में यहां भाजपा के बृजमोहन पोखरियाल ने जीत दर्ज की। इसके साथ ही स्वामी का सियासी कद भी मजबूत हो गया। इसी प्रकार से कांग्रेस की हार को अनुपमा रावत की सियासी जमीन कमजोर होने के रूप में भी देखा जाने लगा है।
अब ताजा घटनाक्रम यह है कि अब विधायक अनुपमा रावत के खिलाफ आवाज उठने लगी है। खास बात यह है कि यह आवाज कांग्रेस के अंदर से ही आ रही है। बात बीते दिनों की है जब कांग्रेेसियों ने ही विधायक अनुपमा रावत के खिलाफ प्रदर्शन तक दिया। प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसियों का आरोप है कि विधायक अनुपमा रावत क्षेत्र की अनदेखी कर रही है। इसके साथ ही कांग्रेस की अंदरूनी सियासत भी सतह पर आने लगी है। अब आने वाले दिनों में क्या होता है यह देखना दिलचस्प होगा। अनुपमा रावत के सियासी तरकश में डैमेज कंट्रोल को साधने क्या फार्मूले होंगे यह भी दिलचस्प ही होगा।