इस बार ” छोटी व बड़ी दिवाली ” एक ही दिन|ये है वजह| प्रस्तुति-आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल
सिटी लाइव टुडे, प्रस्तुति- आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
बदलते हुये मौसम में हर कोई त्योहारी सीजन के रंग में रंगा हुआ है। बाजार से लेकर घर तक त्योहारों को मनाने की तैयारी चल रही है। खास बात यह है कि इस बार छोटी व बड़ी दीपावली एक ही दिन आ रही है। सीधी बात यह कि 24 अक्टूबर को छोटी व बड़ी दिवाली मनायी जायेगी। ज्योतिषीय आंकलन के अनुसार ऐसा काफी समय के बाद हो रहा है। त्योहारों के बीच 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है जिसे अत्यंत शुभ फलदायी माना जा रहा है|
प्रकाश का त्योहार दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है. दिवाली का त्योहार केवल एक दिन नहीं, बल्कि पूरे पांच दिनों का होता है. धनतेरस से दिवाली का प्रारंभ होता है और भैया दूज से इसका समापन होता है.
छोटी व बड़ी दिवाली एक ही दिन, जानिये वजह
इस बार छोटी व बड़ी दिवाली एक ही दिन यानि 24 अक्टूबर हो मनायी जायेगी। अब हर कोई यह जानने को उत्सुक होगा कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है। ज्योतिषाचार्य आचार्य डाक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि 24 अक्टूबर-2022 को उदय व्यापिनी चतुर्दशी है इसलिये 24 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनायी जायेगी। इसी दिन 24 अक्टूबर-2022 को निशीथ व्यापिनी अमावस्या तिथि भी है इसलिये बड़ी दिवाली भी 24 अक्टूबर को ही मनायेगी जायेगी। उन्होंने बताया कि अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को दोपहर तक है लेकिन निशीथ काल तक नहीं है। निशीथ व्यापिनी अमावस्या में ही बड़ी दिवाली मनाने का शास्त्रीय विधान है। इसलिये छोटी व बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को एक ही दिन मनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण भी आ रहा है।
दीपावली 24 अक्टूबर को, धनतेरस से भैया दूज तक पांच दिन का होता है दिवाली का त्योहार
इस वर्ष दीपावली के साथ 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण पड़ने से मंत्र एवं यंत्र साधना के लिए अद्भुत संयोग
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ज्योतिषीय विश्लेषण करते हुए बताते हैं कि प्रकाश का त्योहार दिवाली हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है. नरक चतुर्दशी या काली चौदस कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को होता है. इस वर्ष 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और उसके बाद 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण पड़ रहा है इसलिए यह दीपावली मंत्र एवं यंत्र साधना के लिए वरदान के समान है ,शीघ्र विवाह, संतान प्राप्ति, आयु रक्षा, नौकरी की प्राप्ति और नौकरी में तरक्की घर में सुख और शांति, व्यापार में वृद्धि एवं रोग निवारण हेतु इस दीपावली पर मंत्रों की ध्वनि को परिवर्तित कर जो यंत्र बनाए जाएंगे वह लोगों को दीर्घकालिक फायदा पहुंचाएंगे उन्होंने कहा कि इसके लिए लोग समय पर उनसे संपर्क कर सकते हैं
- धनतेरस 2022
इस साल धनतेरस का त्योहार 22 अक्टूबर दिन शनिवार को है. इस दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और देवताओं के वैद्य धन्वंतरी की पूजा करते हैं. परिवार की उन्नति के लिए धनतेरस पर सोना, चांदी, धनिया, झाड़ू आदि खीरदते हैं. धनतेरस के दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाता है. इस बार धनतेरस पर शनि प्रदोष व्रत है. इस बार यम का दीपक भी धनतेरस को ही निकाला जाएगा.
- नरक चतुर्दशी 2022 या काली चौदस 2022
ज्योतिष शास्त्र में अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षर आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि नरक चतुर्दशी या काली चौदस कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को होता है. काली चौदस पश्चिम बंगाल में मनाते हैं. नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं. कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, इसलिए इस दिन नकर चतुर्दशी मनाते हैं. हालांकि इस साल काली चौदस की पूजा 23 अक्टूबर की रात को होगी, लेकिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली 24 अक्टूबर को दिवाली के साथ ही मनाई जाएगी.
- दिवाली 2022
कार्तिक अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाते हैं. इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को है. इस दिन रात्रि के शुभ समय में माता लक्ष्मी और गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और घर को दीपक से रौशन करते हैं. इस दिन जब भगवान श्रीराम लंका विजय करके माता सीता के साथ अयोध्या लौटे थे, तब दिवाली मनाई गई थी. तब से यह परंपरा चली आ रही है.
- गोवर्धन पूजा 2022 या अन्नकूट 2022
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार मनाते हैं. इस साल गोवर्धन पूजा या अन्नकूट 26 अक्टूबर दिन बुधवार को है, क्योंकि दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है. इंद्रदेव के घमंड को चूर करने और गोकुल के लोगों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर धारण कर लिया था. उसके बाद से ही गोवर्धन की पूजा की जाने लगी. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाते हैं. - भाई दूज 2022
भाई दूज का त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाते हैं, इसे यम द्वितीया भी कहते हैं क्योंकि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे. तब उन्होंने यमुना को वरदान दिया था कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं सताएगा. इस साल भैया दूज 26 अक्टूबर को है, इसलिए भाई को चाहिए कि इस दिन अवश्य बहन के घर पहुंचकर भोजन ग्रहण करें और सामर्थ्य अनुसार उसे दक्षिणा प्रदान करें