जय हो। लोक जात की तिथियां घोषित| 29 अगस्त से शुरू| लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, लक्ष्मण सिंह नेगी, चमोली
जय हो, जय-जय हो। कल्प क्षेत्र में लोग जात की तैयारी शुरू हो गई है। पंच केदार पंच बद्री एवं पैनखंडा क्षेत्र में लोग जात की तिथियां निर्धारित हो गई है। प्रतिवर्ष होने वाली लोग जात में परण खंडेश्वरी क्षेत्र में विशेष महत्व है। अधिकांश जोशीमठ के गांव में नंदा जात के समय नंदा उत्सव मनाने की परंपरा रही है। नीति घाटी से लेकर पंच केदार के कल्पेश्वर और बद्री विशाल पाखी गांव तक नंदा उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता ह।ै लोग जात के लिए लोग गांव से हिमालय की ओर जाते हैं। कुछ गांव में परंपराएं हैं कि नंदा को बुलाओ के लिए वुगयाल में जाकर भगवती नंदा को मायका बुलाने की की परंपरा रही है। विश्व प्रसिद्ध नंदाराज जात में नंदा को कैलाश भेजने की परंपराई रही है।
पैनखण्डेशंवरी श्री क्षेत्र में नंदा को हिमालय से बुलाकर गांव में लाते हैं और विशेष भंडारा देकर उनको कैलाश को विदाई करते हैं। मुख्य रूप से उरगम कल्प क्षेत्र की जात की तिथियां 29 अगस्त 2022 को देवग्राम की गौरव मंदिर से भगवती की छतोली फ्यूंलानारायण मंदिर प्रस्थान करेगी 30 अगस्त को फ्यूंलानारायण से रोखनी बुग्याल तक जाएगी यहां पर विशेष पूजा अर्चना की बात वापस फ्यूंलानारायण पहुंचेगी यहां विशेष पूजा-अर्चना होगी उसके बाद कल्पेश्वर होते हुए देवग्राम गौरा मंदिर पहुंचेगी यहां पर फुल कोठे का आयोजन किया जाएगा।
1 सितंबर 2022 को अधिकांश गांव में जात के लिए नंदा के लिए कलेवा तैयार किया जाएगा। 2 सितंबर 2022 को कल्प क्षेत्र उरगम घाटी के सभी गांवो से छतोलिया अलग अलग स्थानों के लिए प्रस्थान करेगी जिसमें मुख्य रुप से उरगम की घंटा करण मंदिर में इकट्ठा होगी । दूसरी ओर, फ्यूंलानारायण कल्प क्षेत्र की छोतोलिया भरकी पंचनाम देवता की चौक में इकट्ठा होती है इन छतोलियो में डुमक गांव से स्वनुल देवी छतोली, पल्ला गांव से स्वनुल देवी छतोली,पोखनी गांव से स्वनुल देवी छतोली के अलावा भरकी, भेंटा, पिलखी, गवाणा,अरोसी,उरगम की स्वनुल देवी छतोलिया़ इस यात्रा में सम्मिलित रहेगी पहला पड़ाव फ्यूंलानारायण मंदिर 2 सितंबर को 3 सितंबर को भनाई मैं जात कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा वापस फ्यूंलानारायण पहुंचेगी
यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा नारायण को ब्रह्म कमल से सजाया जाएगा देवी को विशेष भोग लगाया जाएगा इस दिन रात्रि विश्राम यही मंदिर में होगा। 4 सितंबर को नंदा को 16 किलो का (भात)चावल का भोग लगेगा उसके वाद वापस भरकी गांव पहुंचेगी गांव में स्वागत के साथ अपने अपने गांव के लिए छतोलिया प्रस्थान करेगी। इसी तरह उरगम घाटी में घंटाकरणमंदिर में 2 सितंबर को क्षेत्र की छोतोलियां इकट्ठा होकर बंसी नारायण के लिए प्रस्थान करेगी रिखडार गुफा पर रात्रि विश्राम होगा यहां पर पंच गै के छतोलिया का मिलन होगा पल्ला,जखोला,किमाणा,कलगोठ, दिंग तपोण के जात उनका यात्री से मिलन होगा 3 सितंबर को मेन मैनवा खाल में भगवती नंदा की जात संपन्न की जाएगी इस दिन रिखडार गुफा में रात्रि विश्राम होगा 4 सितंबर को यात्रा अपने गांव के लिए वापस लौट जाएगी उरगम थात की छतोलिया वापस गांव उरगम वैली के फूलाणा, नंदा मंदिर होते हुए घंटाकर्ण मंदिर में ब्रह्मकमल चढ़ाकर अपने अपने घरों को जाति यात्री चले जाएंगे। इसी तरह जोशीमठ क्षेत्र में अधिकांश गांव में सप्तमी की जात का विधान है कुछ गांव में अष्टमी की जात भी होती है बामणी गांव बद्रीनाथ में सप्तमी की जात और अष्टमी नंदा की पूजा का विधान है थैग गांव में भी सप्तमी के दिन ब्रह्म कमल तोड़े जाते हैं अष्टमी को जात यात्री वापस आते हैं नवमी दशमी को गांव में विशेष मेला लगता है इसी तरह जोशीमठ के अधिकांश गांव में नंदा अष्टमी का पर्व भव्य रूप से बनाए जाते हैं। जोशीमठ के खीरों भंयूडार, डाडों,मेरग, बड़ागांव,डाक,लाता,मेहर गांव,नीती,भल्ला सुकी गांव,सुभाई,करछी,तुगासी,करछो मलारी , भगंयूल,ठुमक गांव में नंदा अष्टमी के तिथि पर घोड़ी सागडी के पास नंदा देवी की जात यात्रा संपन्न की जाती है इसमें दसौली ब्लॉक से भी नंदा की छोतोलीया जात में सम्मिलित रहती है।