शनि देव चले गोचर की सैर| क्या और कैसा होगा असर | प्रस्तुति-आचार्य पंकज पैन्यूली

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


क्रूर ग्रह लेकिन न्याय के देवता शनि महाराज स्थान परिवर्तन करने जा रहे हैं। friday को शनिदेव स्थान बदलेंगे। आइये, जानते हैं कि शनि के स्थान बदलने से क्या और कैसा असर पड़ेगा। पेश है सिटी लाइव टुडे मीडिया हाउस की खास रिपोर्ट।

मेष-मेष राशि वालों के लिए शनि का गोचर अधिक संघर्ष करवाने वाला रहेगा। आपकी आय के साधनों में कमी और व्यय में अधिकता रह सकती है। शनि की मेष राशि पर नीच दृष्टि भी होती है। अतः आप में क्रोध की और मानसिक उलझन की अधिकता रह सकती है। परिवार में भी अशान्ति का माहौल बन सकता है। अतः आपको नीचे दिए गये उपायों को अवश्य करना चाहिए। उपाय से शनि का कोप शांत होता है। और संभावित हानि व कार्य में होने वाली विघ्न-बाधाएं टल जाती है।।

वृष राशि-वृष राशि वालों के लिए शनि दशम-कर्म क्षेत्र का स्वामी बनता है। अतः आपकी नौकरी/व्यवसाय में आंशिक व्यवधान तो आ सकते हैं, लेकिन कार्य बाधित नही होंगे।

मिथुन राशि-मिथुन राशि से शनि नवम भाग्य भाव में स्थित होता है। शनि सदैव भाव को बल देता है।अतः आपके भाग्य में वृद्धि,नौकरी/व्यवसाय में तरक्की होगी।

कर्क राशि-कर्क राशि से शनि अष्टम भाव में होगा। और इसी कारण कर्क राशि वालों पर शनि की ढईया भी शुरू हो रही है। सामान्यतः शनि की ढईया शुभ नही मानी जाती है। इस अन्तराल में आपको अधिक संघर्ष से जूझना पड़ सकता है। आपके दैनिक कार्यों में विघ्न-बाधाएं आ सकती है। अतः आपको नीचे दिए गये उपायों को अवश्य करना चाहिए। उपाय से शनि का कोप शांत होता है। और संभावित हानि व कार्य में होने वाली विघ्न-बाधाएं टल जाती है।।

सिंह राशि-सिंह राशि वालों के लिए शनि गोचर में सप्तमस्थ होकर सिंह राशि पर शत्रु दृष्टि रखेगा। जिस कारण आपको नौकरी/व्यवसाय में अनावश्यक संघर्ष से जूझना पड़ सकता है। क्रोध पर भी आपको आवश्यक रूप से नियंत्रण रखना होगा। आपके मान-सम्मान को भी ठेस पहुंच सकती है।। अतः आपको नीचे दिए गये उपायों को अवश्य करना चाहिए। उपाय से शनि का कोप शांत होता है। और संभावित हानि कार्य में होने वाली विघ्न-वाधा टल जाती है।।

कन्या राशि-कन्या राशि वालों के लिए शनि का गोचर सामान्य शुभ रहेगा। आपको शनि के गोचर के अंतराल में उन्नति और लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।। तुला राशि-तुला राशि वालों के लिए शनि का गोचर अच्छा रहेगा। विद्यार्थी वर्ग को उच्च विद्या में लाभ होगा अथवा उच्च विद्या प्राप्ति के अवसर आसानी से प्राप्त होंगे। नौकरी /व्यवसाय से जुड़े लोगों को उन्नतिकारक अवसर मिलेंगे।।

वृश्चिक राशि-वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढईया शुरू हो रही है। इस दौरान आपको अनावश्यक संघर्ष से जूझना पड़ सकता है। निकट परिजनों से मतभेद उभर सकते हैं। अधिक अपव्यय की संभावना भी बन सकती है। लेकिन भूमि,मकान,वाहन आदि का सुख मिलने की भी प्रबल संभावना बनती है। अतः आपको नीचे दिए गये उपायों को अवश्य करना चाहिए। उपाय से शनि का कोप शांत होता है। और संभावित हानि व कार्य में होने वाली विघ्न-बाधाएं टल जाती है।।

धनु राशि-धनु राशि वालों के लिए शनि का गोचर बहुत शुभ रहने वाला है। आपके काम संबंधी सभी प्रयास सफल होंगे। धन,जमीन एवं भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। मकर राशि- मकर राशि पर अभी भी शनि का प्रभाव रहेगा। लेकिन आपके कार्य व्यवधान आने पर भी पूर्ण होते रहेंगे। धन अधिक खर्च होगा,लेकिन आय के साधनों में भी वृद्धि अवश्य होगी।

कुम्भ राशि-कुम्भ राशि में भी शनि संचार रहेगा।लेकिन स्वगृही होने के कारण अधिक दोष कारक नही रहेगा। लेकिन मानसिक उलझन की अधिकता अवश्य रह सकती है। मानसिक उलझन के कारण भी बहुत सारे काम बिगड़ जाते हैं। अतः आपके लिए मानसिक स्थिरता बनाये रखनी अनिवार्य होगी। अन्यथा पारिवारिक कलह-क्लेश के कारण आप परेशान रह सकते हैं।

    मकर राशि- मकर राशि पर अभी भी शनि का प्रभाव रहेगा। लेकिन आपके कार्य व्यवधान आने पर भी पूर्ण होते रहेंगे। धन अधिक खर्च होगा,लेकिन आय के साधनों में भी वृद्धि अवश्य होगी। रह सकते हैं।

मीन राशि-मीन राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो रही है। अतः आपके लिए अगले साढ़े सात साल काफ़ी संघर्षपूर्ण रह सकते हैं। आपके प्रस्तापित कार्यों में रुकावट बन सकती है। गोचरगत शनि द्वादशस्थ होने के कारण आपके लिए मानसिक व शारीरिक रूप से भी कष्टकारी रह सकता है। अतः आपको नीचे दिए गये उपायों को अवश्य करना चाहिए। उपाय से शनि का कोप शांत होता है। और संभावित हानि व कार्य में होने वाली विघ्न-बाधाएं टल जाती है।।

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शनि के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय-1.शनि वार और मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या वजरंग बाण का पाठ करें। 2.प्रत्येक शनिवार के दिन शनि मंत्र का जप करें 3.शनि कवच या शनि चालीसा का पाठ करें 4.शनिवार को सुन्दर कांड का पाठ करें। 5.शानिवासरी अमावस्या के दिन सायं काल सुर्यास्त के बाद शनि मंत्र जप या शनि स्त्रोत्र का पाठ करें ये विशेष फलदायी होता है। नोट-उपरोक्त उपाय में कोई भी एक या एक से अधिक उपाय अपनी सुविधानुसार करें। जय शनिदेव।

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