कोई तो बताये कि दिव्यांग व विकलांग का कैसे बनेगा आधार कार्ड| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-जयमल चंद्रा


न्यू इंडिया में आधार कार्ड बिना कुछ भी नहीं है। नये भारत में आधार कार्ड के बिना आपका कोई आधार नहीं है। लेकिन ज्वलंत सवाल यह है कि दिव्यांगों व विकलांगों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। द्वारीखाल ब्लाक में तो यही आलम है। हालांकि, दिव्यांग व विकलांग के लिये प्रावधान है लेकिन आधार केंद्र संचालक इससे अनजान है। ऐेसे में द्वारीखाल ब्लाक में दिव्यांगों व विकलांगों का आधार कार्ड नहीं बन रहा है। जाहिर है कि बिना आधार कार्ड के इनको सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।


दरअसल, आधार कार्ड बनाने के लिये इसके लिए बयोमैटिक कराई जाती है। अर्थात हाथों की सभी उंगलियों के निशान,चेहरा व आंखों को मशीन सत्यापन करती है। इसी प्रक्रिया से आधार कार्ड बनता है। आम नागरिक के लिए आधार कार्ड बनवाना जहां काफी आसान है। वहीं, दिव्यांग जनों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।अगर व्यक्ति हाथों से या आँखों से या दोनों से दिव्यांग है तो उनको इस परेशानी से जूझना पड़ रहा है। द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम ग्वाडी के विनोदलाल दोनों हाथों से दिव्यांग है। अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए आधार केंद्रों का चक्कर काटने-काटते थक गए है लेकिन उनका आधार कार्ड नहीं बन रहा है।

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जिस कारण दिव्यांग पेंशन,किसान सम्मान निधि व सरकार द्वारा दी जाने वाली अन्य योजनाओं का लाभ उनको नहीं मिल पा रहा है। केवल यह कहानी अकेले विनोदलाल की ही नहीं है, बल्कि इनकी संख्या काफी अधिक होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बताया जाता है कि दिव्यांगों व विकलांगों का आधार कार्ड बनाने का अलग से प्रावधान है। लेकिन द्वारीखाल क्षेत्र में तो इसकी किसी को जानकारी ही नहीं है। आधार केंद्र भी इस प्रावधान से अनजान हैं।

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