assembly election|तो क्या खंडित जनादेश का संकेत दे रहा मतदान का रुख|वरिष्ठ पत्रकार-अजय रावत
सिटी लाइव टुडे, वरिष्ठ पत्रकार-अजय रावत
आगामी 10 मार्च को ईवीएम खुलने से पूर्व किसी प्रकार का पूर्वानुमान लगाना भले ही जोखिम भरा हो लेकिन दोनों प्रमुख पार्टियों के समर्थकों के हाव् भाव और मतदाताओं का खामोशी से मतदान करना इस ओर इशारा कर रहा है कि इन चुनावों में न तो सत्ताधारी भाजपा के प्रति कोई बड़ा असंतोष था और न ही कांग्रेस को लेकर ज्यादा उत्साह। स्थानीय स्तर पर प्रत्याशियों को लेकर अवश्य लोगो में संजीदगी देखी गयी।
मतदाताओं का यह मिलाजुला रुख और तकरीबन सभी सीटों पर तीसरा कोण बना रहे प्रत्याशियों द्वारा बिगाड़े गए अंकगणित का नतीजा प्रदेश में एक खण्डित जनादेश का इशारा अवश्य कर रहा है। बड़े बड़े दिग्गजों की सीटों पर भी अंकगणित इतना नाजुक नज़र आ रहा है कि कोई बड़ा उलटफेर भी हो जाये तो हैरानी नही होनी चाहिए।
इतना तय है कि यह उलझन और अंकगणित इस प्रदेश में किसी भी स्वरूप लेकर आ सकता है, जिसमें खण्डित जनादेश की प्रायिकता सबसे ज्यादा नज़र आ रही तो भजपा के 60 पार और कांग्रेस के 55 पार के नारे की तरफ भी बढ़ सकती है।