यमकेश्वर| पहेली बनी ” गौं-गुठ्यार” की ” खामोशी “| उलझन में नेतानगरी| जयमल चंद्रा, यमकेश्वर

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


यमकेश्वर विधानसभा चुनाव को लेकर समीकरणों का आंकलन भी हो रहा है और कयास भी लग रहे हैं। लेकिन मतदाताओं की खामोशी पहेली बनी हुयी है। एक प्रकार से मतदाता खामोश हैं। इस खामोशी के क्या मायने हैं इसको बताना तो मुश्किल हैं लेकिन इतना जरूर है कि इस खामोशी ने भाजपा-कांग्रेस व अन्य प्रत्याशियों को उलझन में जरूर डाल दिया है। यूं कहियेगा इस खामोशी ने टेंशन की गोली दे दी है।

यमकेश्वर की सियासी पिच पर मैदान मारने को प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इन दिनों प्रत्याशियों को गौं-गुठ्यार खूब रास आ रहा है। वोट की खातिर प्रत्याशी गौं-गुठ्यार के चक्कर काट रहे हैं। इस सबके बीच, मतदाता खामोश है। देखा गया है कि रैलियों व अन्य कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ता तो आ रहे हैं लेकिन जनता की उपस्थिति अपेक्षाकृत कम देखने को मिल रही है।

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इसके अलावा यह भी नोटिस किया जा सकता है कि जब प्रत्याशी गौं-गुठ्यार आ रहे हैं तभी ग्रामीण भी सक्रिय हो रहे हैं। इसके अलावा मतदाताओं में कोई दिलचस्पी नहीं हैं। उल्लास नहीं है उत्साह नहीं है। यमकेश्वर के अलावा अन्य कई विधानसभाओं मंे भी मतदाताओं की ऐसी ही खामोशी है। खामोशी के मायने क्या है यह तो मतदाता ही बतायेंगे लेकिन इस खामोशी ने नेतानगरी को टेंशन जरूर दे दी है। बहरहाल, फैसला जनता को करना है।

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