बमोली | जंगली जानवरों ने किया नाक में दम | द्वारीखाल से जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, द्वारीखाल, जयमल चंद्रा


पलायन ने पहाड़ खाली कर दिये हैं तो खेतीबाड़ी भी हाशिये पर पहुुंच गयी है। बची हुयी कसर जंगली जानवरों ने पूरी कर दी है। जहां खेतीबाडी हो भी रही है तो जंगली जानवर ग्रामीणों की मेहनत पर पानी फेर दे रहे हैं। यह व्यथा हर गांव की है। ऐसी ही व्यथा बमोली गांव की भी है। लहलहाती फसलों को जंगली जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे मेें ग्रामीण दुखी हैं।


इस खबर में जनपद पौड़ी के द्वारीखाल क्षेत्र के बमोली गांव का ही जिक्र कर रहे हैंै। इस गांव की कई विशेषतायें हैं। इनमें एक विशेषता यह भी है कि आज भी बमोली गांव में ग्रामीण भरपूर खेती करते हैं। हां, पलायन की मार यहां भी पड़ी है लेकिन यह भी सही है कि इस गांव में अभी भी खेतीबाडी हो रही है।


इस बार तो अच्छी बारिश के कारण कौदा, झंगोरा आदि की फसलें लहला रही हैं। लहलहाती फसलों को निहार कर मन-भावन सावन हो जाये। ग्रामीण खासे खुश थे लेकिन खुशी बदल रही है व्यथा में। दरअसल, जंगली जानवरों ने ग्रामीणों के नाक में दम निकाल रखा है। जंगली जानवर किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। ग्रामीण करे तो क्या की स्थिति में है। फसलों को बचाने के लिये ग्रामीण रात में खेतांे में वाढ (छप्पर) बनाकर रहने को मजबूर हैं ।

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हमारे संवाददाता जयमल चंद्रा ने किसान रुद्री सिंह रावत के साथ खेतों का जायजा लिया। किसान रेखा देवी, देवेश्वरी देवी, बीरबल सिंह,संतन सिंह,जनार्धन प्रसाद आदि से वार्ता की। उनका कहना था कि शासन-प्रशासन को जंगली जानवरों से हमारी फसलो की रक्षा के लिए संज्ञान लेना चाहिए और ठोस कदम उठाना चाहिए।

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