वर्तमान मानसून सत्र में ही लोकायुक्त एक्ट पास करे धामी सरकार | डा. महेन्द्र राणा

Share this news

CITYLIVE TODAY. MEDIA HOUSE

वरिष्ठ समाजसेवी एवं “उत्तराखण्ड नवनिर्माण अभियान” के प्रदेश संयोजक डा. महेन्द्र राणा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सरकार को वर्तमान में चल रहे विधानसभा के इसी अंतिम मानसून सत्र में लोकायुक्त बिल को पास करना चाहिए ,जिससे प्रदेश में व्याप्त बेलगाम भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके । डा. राणा के अनुसार उत्तराखण्ड में पिछले सात साल से न केवल लोकायुक्त की कुर्सी ख़ाली पड़ी हुई है बल्कि लोकायुक्त एक्ट को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नही है , जिसके चलते प्रदेश की 1500 से अधिक भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कोई सुनवाई नही हो पा रही है। हालात यह हैं कि पटेलनगर देहरादून स्थित लोकायुक्त कार्यालय में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को ही पता नही है कि वह किस एक्ट के तहत काम करें , लोकायुक्त की कुर्सी ख़ाली होने की वजह से किसी भी शिकायत पर सुनवाई नही हो पा रही है ।

डा. महेंद्र राणा ने वर्तमान भाजपा सरकार से सवाल किया है कि 2017 विधान सभा चुनाव के दौरान 100 दिनों के अंदर प्रदेश में लोकायुक्त लागू करने का वादा करने के बावजूद , प्रचंड बहुमत की सरकार होने पर भी सरकार के साढ़े चार साल बीत जाने पर भी अभी तक उसे क्यू लटका रही है और 17 मार्च 2017 को विधान सभा में विपक्ष के शत प्रतिशत समर्थन मिलने पर भी लोकायुक्त विधेयक को पारित करने के बजाय उसे प्रवर समिति को देने के पीछे भाजपा सरकार की मंशा क्या थी । बताते चलें कि सात साल से कई संशोधन के बाद प्रदेश में नया लोकायुक्त विधेयक विधानसभा की संपत्ति के रूप में बंद है।

ad12

उत्तराखंड लोकायुक्त अधिनियम वर्ष 2011 में पारित किया गया। इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई थी। सत्ता बदली तो नई सरकार ने इसमें संशोधन किया, जिसमें 180 दिन में लोकायुक्त के गठन के प्रविधान को खत्म कर दिया गया। इससे सरकार लोकायुक्त की नियत अवधि में नियुक्ति की बाध्यता से मुक्त हो गई। संप्रति भाजपा सरकार ने फिर इसमें संशोधन किया और एक्ट को प्रवर समिति को सौंप दिया, लेकिन अब सरकार को साढ़े चार साल पूरे होने जा रहे हैं , बावजूद इसके उत्तराखंड विधानसभा में लोकायुक्त एक्ट को मंज़ूरी नही मिल पाई ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *