लाखों से बने घाट की लगा दी ‘बाट ‘ | मुकेश कुमार सूर्या की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, मुकेश कुमार सूर्या, श्यामपुर


गंगा और उसकी सहायक नदियों के जल को स्वच्छता और निर्मलता प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार के दिशा निर्देशन में नमामि गंगे परियोजना के तहत इस दिशा में तमाम कार्य किए गए और करवाए जा रहे हैं। जनपद हरिद्वार के ग्राम श्यामपुर में भी गंगा नदी के तट पर नमामि गंगे परियोजना के तहत लाखों रुपयों की लागत से स्नान घाट और शवदाह गृह का निर्माण कुछ वर्ष पूर्व किया गया था।

जिसमें इस घाट पर भारी भरकम लागत से टाइल्स, रेलिंग, चेंजिंग रूम, चार्जिंग प्वाइंट, सोलर लाइटिंग, बड़ी स्ट्रीट लाइट, विश्राम गृह, शौचालय इत्यादि सहित कई कार्य किए गए थे परंतु आज यह घाट समुचित देखभाल और उचित रखरखाव ना हो पाने के चलते बदहाल स्थिति में पहुंच कर अपने वास्तविक स्वरूप को खोता चला जा रहा है। इसका कारण यह है कि इस घाट पर लगाई गई स्टील की कुर्सियां, शौचालयों के भीतर लगे कबोड एवं टंकियां, कमरों के दरवाजे और कमरों में रखी अलमारियां तक शरारती तत्वों द्वारा तोड़ दी गई हैं! वाटर सप्लाई के लिए लगाया गया बिजली का मोटर घाट से गायब है और संभवत चोरी कर लिया गया है! और जो रोशनी के लिए जो सोलर लाइटिंग की गई सभी खराब पड़ी हुई है संभवत उन्हें रात के अंधेरे में घाट के आसपास से अवैध खनन सामग्री निकालने वाले लोगों ने जानबूझकर खराब कर दिया है,

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ताकि इन लाइटों की रोशनी उन पर ना पड़े और रात के अंधेरे में हैं वह अपने काम को बखूबी अंजाम दे सकें! सूत्रों कि यदि माने तो इस घाट पर अब शवदाह संस्कार करने और स्नान करने वाले लोग तो कभी कभार विरले ही नजर आते हैं! अपितु यहां पर शरारती प्रवृत्ति और निठल्ले किस्म के युवा बेकार बैठकर जुआ खेलते नजर आ जाते हैं! जिसकी वजह से गांव की महिलाओं ने भी स्नान के लिए इस घाट पर जाना लगभग बंद सा कर दिया है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने यह घाट हमारी सुविधा के लिए बना कर बहुत अच्छा काम किया था, परंतु सरकार को चाहिए था कि आवश्यक व्यवस्था और देखरेख के लिए कम से कम एक चैकीदार को तो नियुक्त कर ही देना चाहिए था! परंतु ऐसा नहीं किया गया और इस घाट की स्थिति बदहाल, और यह घाट बदहाल हो गया है।

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