हरिद्वार बाॅक्सिंग एसोसिएशन ने मनायी खुशी | पढ़ियेे पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही मुक्केबाज लवीना के कांस्य पदक जीतने पर देशभर में खुशी का माहौल है। हरिद्वार बाॅक्सिंग एसोसिएशन ने जश्न मनाते हुये लवीना को बधाई दी। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि अबकी बार ओलिंपिक में भारत की मुक्केबाजी टीम के दस मुक्केबाजों ने क्वालीफाई किया था जो की अभी तक का सबसे बड़ा मुकेबाजी दल है और आशा करते है की आने वाले समय सभी भार वर्गो में भारतीय मुक्केबाज क्वालीफाई करेंगे।
समाज सेवी डॉ विशाल गर्ग ने कहा कि मेरा उद्देश्य हरिद्वार के बच्चे भी बॉक्सिंग खेल को अपनाकर इसी तरह से विश्व पटल में उत्तराखंड का और हरिद्वार का नाम रोशन करें। आजकल बच्चों के रोल मॉडल फिल्मों के अभिनेता या अभिनेत्री ना बने वह रियल लाइफ मेहनत करके सफलतापूर्वक मुकाम पाने वाले महिलाओं या पुरुष मुक्केबाजों को देखें कि किस तरह उन्होंने अपने जीवन संघर्षपूर्ण विजय प्राप्त की। डॉ अरविन्द पंवार ने बताया मुझे मुक्केबाजी खेल इसीलिए ज्यादा पसंद है की एक इसी खेल में मुझे लगता है कि हम अपने सारे शरीर की सभी मांसपेशियों का इस्तेमाल करते हैं और मुक्केबाजी खेल में एक बार सभी को 6 महीने की ट्रेनिंग जरूर करनी चाहिए जिससे कि वह अपने सामान्य जीवन में स्वास्थ्य और मजबूत रहें।
डॉ पवन सिंह ने कहा कि मेरा सभी से अनुरोध है कि हरिद्वार की बच्चियों में भी खिलाड़ी बनने की भावना जागृत हो और वह अपने चहुमुखी विकास के लिए शारीरिक मजबूती के जीवन तरीकें को भी अपनाएं। आजकल के समय में पढ़ाई बहुत जरूरी है परंतु उतनी ही जरूरी है हमारी शारीरिक स्वास्थ्य और मजबूती भी है सामाजिक उत्थान के लिए सभी वर्गों को शारीरिक और मानसिक मजबूती के लिए कार्य करना पड़ेगा जो कि हमारे हरिद्वार के बालक बालिका को आगे बढ़ने में मजबूती प्रदान करेगा।
आज हुए सेमी-फाइनल मुकाबले में लवीना के प्रति हरिद्वार बॉक्सिंग एसोसिएशन अति उत्साहित था और इसी मुकाबले की तैयारी पहले ही कर ली गई थी। यह एक उपलब्धि मुक्केबाजी क्षेत्र में हरिद्वार के बालक-बालिकाओं को और आकर्षित करेगी। इस मौके पर सभी पदाधिकारी नरेंदर सिंह, डॉ विशाल गर्ग, डॉ अरविंद पवार, डॉ पवन सिंह , एच एस शर्मा, लोकेश दक्ष, और राहुल बैंसला नवीन चैाहान, अरविंद श्रीवास्तव, सचिन अरोड़ा मयंक शर्मा व अन्य संघ सदस्य आदि उपस्थित रहे।