क्या है सच | कोरोना और 5-जी | भ्रम या हकीकत

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-कोरोना संक्रमण को लेकर सोसल मीडिया में वायरल हो रही  हैं पोस्ट
-कोरोना संक्रमण के लिये 5-जी टावरों की टेस्टिंग को बतया जा रहा जिम्मेदार
-विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया वायरल हो रही पोस्ट के दोवों को खारिज |

5G TOWER
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संवाददाताः कोरोना, कोरोना, कोरोना, कोरोना। इन दिनों चारों तरफ कोरोना ही कोरोना है। मीडिया से लेकर सोसल मीडिया और आम लोगों की बातों में कोरोना ही कोरोना छाया हुआ है। हर दिन मनसूस खबरें दिल को चीर कर रख देर रही हैं। कोरोना को लेकर तमाम प्रकार की बातें हो रही हैं। राजनीति भी जमकर रही है तो बातें और भी हो रही हैं। कोरोना को 5-जी से जोड़कर देखने की बातें भी खूूब हो रही हैेंै। व्हट्सएप यूनिवर्सिटी में तो कोरोना के लिये 5-जी की टेस्टिंग को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन प्रकार की आशंकों को सिरे से खारिज किया है। बहरहाल, कोरोना की दूसरी लहर भयावह शक्ल लेती जा रही है।


5-जी की टेस्टिंग को लेकर सोसल मीडिया में तैर रही खबरों में तर्क दिये जा रही हैं कि 5-जी टावेरों की टेस्टिंग के दौरान निकलने वाला रेडियेशन हवा में जहर घोल रहा है। नतीजतन, इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन प्रकार के मैसेज में यह भी कहा जा रहा है कि यह कोरोना वायरस नहीं है बल्कि 5-जी टावरों की टेस्टिंग के दौरान निकल रहे रेडियेशन का नतीजा है। वायरल हो रहे इस प्रकार के मैसेज में 5-जी टावरों की टेस्टिंग पर तत्काल रोक लगाने की मांग भी की जा रही है।
यह भी हो रहा वायरलः वायरल हो रहे मैसेज में 5-जी टावरों की टेस्टिंग पर रोक लगाने की मांग तो हो ही रही है। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि रेडियेशन के कारण ऐसी भी घटनायें सामने आयी हैं कि कई घरों में करंट दौड़ रहा है हालांकि इस प्रकार की घटनायों का जिक्र कम ही किया गया है। यह बतया जा रहा है कि रेडियेशन की वजह से ही जरूरत से ज्यादा गला सूख रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि इस प्रकार की पोस्ट को शेयर करने वालों ने उक्त घटनायें अपने साथ होने का दावा भी किया है। दावा किया जा रहा है कि 5-जी टावरों की टेस्टिंग पर रोक लगायी जाये  तो कोरोना अपने आप ही समाप्त हो जायेगा।


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया जवाबः कोरोना और 5-जी टावरों की टेस्टिंग को लेकर वायरल हो रही खबरों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन सामने आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की तमाम खबरें बेबुनियाद हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया कि 5-जी नेटवर्क से कोरोना नहीं फैलता है। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि कोरोना उन देशों में भी हो रहा है जहां 5-जी मोबाइल नेटवर्क नहीं है।

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आओ, जाने कि क्या है 5-जी नेटवर्क बेहतर मोबाइल सेवा की पांचवीं पीढ़ी का नाम ही 5-जी है। अब तक 2-जी, 3-जी और 4-जी आ चुकी हैं। ऐसा दावा और अनुमान है कि 5-जी नेटवर्क की गति बेहद तेज होगी। 5-जी के उपयोग में आने से डाटा की हाई डेंसिटी मिलनी शुरू हो जायेगी। इससे कई प्रकार की सुविधायें उपभोक्ताओं को मिलेगी जो कि अब तक के नेटवर्क से नहीं मिल रही थी। खास बात यह है कि मई-2013 से 5-जी नेटवर्क टैक्नोलाॅजी पर काम भी शुरू हो चुका है।
चीन है आगेः  जी हां, चीन 5-जी टैक्नोलाॅजीके अनुसंधान और निर्माण में सबसे आगे है। चीन में इस पर जोरो-ेशोरों से काम चल रहा है। चाइना मोबाइल और वाहवे टैक्नोलाॅजी कपनी लिमिटेड इस रिसर्च में सबसे आगे है।   

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