” डांडी काठ्यूं का मुल्क जय-जय श्रीराम ” | साकनी बड़ी में मंचन| सीता स्वयंबर रहा खासा आकर्षण| जगमोहन डांगी की Report
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-जगमोहन डांगी, पौड़ी
इन दिनों डांडी काठ्यूं का मुल्क जय-जय श्रीराम हो रखा है। जगह-जगह श्रीराम मंचन चल रहा है और प्रवाहित हो रही धर्म-अध्यात्म की ज्ञान सरिता। पौड़ी गढ़वाल मनियारस्यूं पट्टी की ग्राम साकनी बड़ी में आयोजित दिवस कालीन रामलीला के तृतीय दिवस पर रामलीला मंचन में सीता का स्वयंवर दृश्य परशुराम लक्ष्मण संवाद, क्षण भर के लिए रावण का प्रकट होना देश विदेश आए राजा महाराजाओ द्वारा धनुष तोड़ने का अंदाज के मनमोहक दृश्य दर्शकों को आकर्षित करने वाले थे।
आसमान के नीचे खुले खेतों में दिन में होने वाली रामलीला का मंचन के देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक पहुंचे ग्राम साकनी पहुंच रहे है।
साकनी बड़ी की रामलीला के 45 वीं वार्षिक मंचन के तीसरे दिन जब राजा जनक के दरबार में सीता स्वयंवर के दौरान राम द्वारा शिव धनुष को चूर चूर कर दिया गया तो इसकी भनक जब परशुराम को लग गई वह वास्तविक स्थिति का जायजा लेने राजा जनक के दरबार में पहुंचे गए
जब उन्होंने राजा जनक और राम से शिव की खंडित धनुष के पूछताछ की तो उन्हें जबाब मिल गया इसके पश्चात धनुष के खंडित होने को लेकर परशुराम और लक्ष्मण के मध्य काफी देर तक संवाद चलता रहा इसलिए आक्रोश में आए लक्ष्मण द्वारा भी शिव धनुष को अपमान करते हुए साफ कह दिया गया कि उनके द्वारा उसको खंडित किया गया यह सुनकर परशुराम का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया
परशुराम ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह पहले भी इस धारदार फरसे से तीन बार क्षत्रियों को समूह को नाश कर चुके हैं और वह लक्ष्मण को भी यमलोक पहुंचा देंगे ऐसा सुनकर श्री राम ने क्रोधित परशुराम को समझने की कोशिश की लेकिन उनकी एक न चली इसके बाद गुरु वशिष्ठ ने परशुराम को वास्तविक स्थिति से अगवत कराते हुए कहा कि श्री राम भगवान विष्णु का अवतार है। और यह सुनते परशुराम क्रोध शांत हो गया और उनका राजा जनक के दरबार से जाने का दृश्य दिखाया गया
उसके बाद सीता राम भगवान राम सीता को लेकर अयोध्या को लौट गये। तीसरी दिवस की रामलीला मुख्यातिथि हर वर्ष की भांति जिला पंचायत सदस्य गढ़कोट संजय डबराल की उपस्तिथि रही। इस अवसर पर उनके साथ क्षेत्र पंचायत सदस्य मिरचोड़ा विवेक,नेगी,पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य नवीन भट्ट सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार, ग्राम प्रधान श्रीमती लक्ष्मी देवी पूर्व प्रधान श्रीमती अर्चना पवार आदि मौजूद रहे।
रामलीला समिति के अध्यक्ष जसवंत सिंह रावत ने बताया की रामलीला मंचन के दौरान भारी संख्या में प्रवासी लोग गांव आते हैं और रामलीला मंचन और इस धार्मिक विरासत को आगे बढ़ाने में सहयोग करते है। रामलीला मंचन के कारण गांव के प्रवासी बंधु और गांव के रेवासीयों का मिलन भी हो जाता है। और पुराने बुजुर्ग कलाकार जिन्होंने रामलीला की नींव रखी उनकी बालपन की यादें ताजी हो जाती और नई पीढ़ी को उन मजे हुए बुजुर्ग कलाकारों से मार्गदर्शन के रूप में बहुत कुछ सीखने और समझने को मिल जाता है।
रामलीला मंचन में अभिनय करने वाले कलाकारों को आवाज के साथ विगत वर्षों से संगीत दे रहे स्थानीय लोक गायक एवं संगीतकार मनीष पंवार जो बीच बीच में अतिथियों एवं दर्शकों अनुरोध पर अपनी मखमली आवाज से भजनों और गीतों की भी प्रस्तुतियां देते है।
उनके साथ गांव के ही स्थानीय लोक गायक सुरजीत पवार भी बीच-बीच में दर्शकों को अपने भजनों की प्रस्तुतियां देते रहे रामलीला मंचन के दौरान सीता स्वयंवर के बाद अयोध्या आगमन पर राजा जनक के दरबार में कर्मवीर सोनी एवं भारत सिंह नेगी द्वारा भी वर्षो की भांति लोक नृत्य कर सबका मनमोह लिया रामलीला के संस्थापक सदस्य श्री प्रताप सिंह रावत एवं रामलीला समिति के अध्यक्ष जसवंत सिंह रावत एवं उनके समिति के सभी सदस्यों ने अतिथियों का फूलमाओ से स्वागत किया रामलीला का शुभारंभ 14 नवंबर शुरू हुआ जो कि 23 नवंबर तक राज्यविशेषक तक चलेगी।