History..मौर्यकाल बौद्धकला और अजंता तक की कलाकृतियों को दर्शाया गया तो इतिहास याद आया| Click कर पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान कला इतिहास, संरक्षण, और संग्रहालय विज्ञान, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अधीन एक मानीत विश्वविद्यालय, नोएडा उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह भारत का एक मात्र संस्थान है, जो विशेष रूप से शिक्षण, शोध तथा कला सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में प्रशिक्षण को समर्पित है।


संस्थान तीन क्षेत्रों अर्थात कला इतिहास, संरक्षण और संग्रहालय विज्ञान में स्नातकोत्तर और पीएच.डी. डिग्रियां प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त यह संस्थान कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में ग्रामीण, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है।


कुलपति डॉ. बुद्ध रश्मि मणि के संरक्षण में उनके द्वारा भेजे गए संदेश के द्वारा ग्रामीण संवंर्धन कार्यक्रम का उद्देश्य समझाया गया। ग्रामीण परिवेश के दुरगम क्षेत्र जहां पर शिक्षण संसाधनों का आभाव है उन स्कूली बच्चों के लिए कार्यशाला एवं छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से एक ऐसा प्रयास किया जाता है जिससे उनकी समझने की शक्ति अधिक विकसित हो सके जिससे उन्हें अपने देश पर गौरव हो तथा एक अच्छे भारतीय नागरिक वन सकें।


प्रो. (डॉ.) अनूपा पाण्डे, विभागाध्यक्ष कला इतिहास विभाग, निदेशक/सम-कुलपति राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान ग्रामीण स्तर पर ऐसी परियोजनाओं के लिए निरंतर सक्रिय रहती हैं। प्रो. पाण्डे जो विश्वविख्यात कला इतिहासकार हैं उनके मार्गदर्शन में कला इतिहास विभाग द्वारा ग्रामीण संवंर्धन कार्यक्रम के तहत उत्तराखण्ड के अलग-अलग स्थानों पर कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जैसे, रामगढ, उत्तराखण्ड, कौशानी उत्तराखण्ड, बिहार, बनीखेत हिमाचल प्रदेश, दादरी उत्तर प्रदेश में कार्यशाला एवं छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।


इस प्रकार माननीय प्रधानमंत्री जी की मुहिम आजादी के अमृतमहोत्सव के तहत दिनांक 18 से 20 जुलाई 2023 तक “75 कलाकृतियों में भारतीय कला विरासत की गौरवगाथा” विषय पर आदर्श जनता इंटर कॉलेज बड़गलभट्ट, जिला अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड में छायाचित्र प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का आयोजन कुलपति डॉ. बुद्ध रश्मि मणि के संरक्षण तथा प्रो. (डॉ.) अनूपा पाण्डे, विभागाध्यक्ष कला इतिहास, निदेशक/सम-कुलपति राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान के मार्गदर्शन में किया गया।


कला इतिहास विभाग की टीम जिसमें डॉ. सविता कुमारी, सह-प्रोफेसर कला इतिहास के सहयोग व श्री दीपक कुमार एवं श्री गौरव कुमार द्वारा शोध संकल्पना, डिज़ाइन एवं कार्यशाला की रूपरेखा, हरीश जोशी द्वारा हिन्दी अनुवाद एवं टंकण कार्य तथा सुश्री महक सेजवाल एवं सुश्री सयंतनी दे द्वारा सहायता कार्य किया गया।


प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रो. अनूपा पाण्डे, निदेशक एवं सम-कुलपति राष्ट्रीय संग्रहाल संस्थान तथा श्री हिमांशु तिवारी प्रधानाचार्य आदर्श जनता इंटर कॉलेज बड़गलभट्ट, जिला अल्मोड़ा द्वारा किया गया। तत्पश्चात प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण किया गया। प्रो. अनूपा पाण्डे, द्वारा सभी को प्रदर्शित छायाचित्रों के बारे में सरतापूर्वक बताया गया।


कार्यशाला स्थल पर निदेशक/सम कुलपति महोदया द्वारा प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य महोदय का सॉल भेंट कर सम्मान किया गया, तत्पश्चात कार्य पुस्तिका का विमोचन किया तथा छात्र/छात्राओं को स्टेशनरी सामग्री का वितरण किया गया। कार्यशाला के प्रारम्भ में सुश्री महक सेजवाल, सिंधु घाटी की सभ्यता पर व्याख्यान दिया गया तत्पश्चात प्रो. डॉ. अनूपा पाण्डे, द्वारा बड़े ही सरतापूर्वक मौर्यकाल बौद्धकला और अजंता की कलाकृतियों को चित्रित कर सजीव कर दिया गया है।

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इस अवसर पर आदर्श जनता इंटर कॉलेज बड़गलभट्ट, जिला अल्मोड़ा के श्री हिमांशु तिवारी जी प्रधानाचार्य, श्रीमती कविता, श्रीमती अनीता गोस्वामी, श्री गिरीश चन्द्र काण्डपाल जी एवं श्री भोला राम जी उपस्थित थे।

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