इन मांगों को लेकर कुलपति को भेजा ज्ञापन| सीएम से भी मुलाकात करने का इरादा| Click कर पढिये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


पदोन्नति व कोविड प्रोत्साहन भत्ता नहीं मिलने से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य भारी गुस्से में है। अब कुलपति आयुर्वेदिक विश्विद्यालय देहरादून से यह मांग की गयी है। इसके बाद मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करने की योजना है। कर्मचारी आंदोलन करने के मूड में भी हैं।

प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर ऑडिटर महेश कुमार उपशाखा अध्यक्ष ऋषिकुल छत्रपाल सिंह गुरुकुल उपशाखा के मंत्री आशुतोष गैरोला, उपाध्यक्ष ताजबर नेगी ने कहा कि सभी विभागों में माननीय मुख्यमंत्री एवं शासनादेश के अनुसार दोन्नति कर दी गई है किंतु आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य के कर्मचारियों के साथ उत्तराखंड में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जिसके लिए कुलपति आयुर्वेदिक विश्विद्यालय हर्रावाला देहरादून को ज्ञापन भेजा गया है कि कर्मचारियों की पदोन्नति जिस कार्य को कर्मचारी कर रहे हैं

उस पद जैसे पंचकर्म सहायक, योग प्राकृतिक चिकित्सा सहायक, लेब सहायक, ओ टी सहायक, डार्करूम सहायक के पद पर कर दिया जाए जिससे कर्मचारियों की पदोन्नति भी हो जाएगी और शासन और सरकार पर कोई वित्तीयभार भी नही होगा क्योंकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी वर्तमान में1900,2400,2800 ग्रेड पे पर है इसलिये जल्द से जल्द शासन और सरकार से अनुमति लेकर पदोन्नति की जाए नही तो चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ जो ठंदं आंदोलन करेगा उसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व आयुर्वेद विश्वविद्यालय का होगा।


जिलाध्यक्ष सुरेंद्र जिलामंत्री राकेश भँवर जिला कोषाध्यक्ष अजय कुमार उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह गुरुकुल के मंत्री आशुतोष गैरोला, उपाध्यक्ष ताजबर नेगी, संयुक्त सचिव मोहित मनोचा ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान ऋषिकुल,गुरुकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया और कर्मचारियों ने ड्यूटी भी की किन्तु प्रोहत्साहन भत्ता मिला सिर्फ चिकित्सा स्वास्थ्य के चिकित्सा अधिकारियों को और एन एच एम कर्मचारियों को जिस मेहनत से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों, उपनल, ठेका सफाई कर्मियों, आउटसोर्स कर्मियों ने कार्य कियाउनको प्रोहत्साहन भत्ता मिलना तो दूर उनके नाम तक प्रोहत्साहन भत्ते के लिए नही भेजे गएप्रतीत होता है सिर्फ चिकित्सा अधिकारियों ने ही कार्य किया है कोविड महामारी में अन्य कोई भी संवर्ग ड्यूटी पर नही थे, इससे दुःखद क्या हो सकता है

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अत्यंत दुःखद है दूसरी कावड़ मेला में कर्मचारियों को ड्यूटी करने के एवज में यात्रा भत्ता दिया जाता है किंतु उसमे कार्यालय द्वारा गड़बड़ झाला कर बजट वापस भेज दिया अगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो कार्यालय के बाहर जो भी धरना प्रदर्शन किया जायेगा उसका उत्तरदायित्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का होगा।

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