chardham yatra|चरम पर यात्रा चारधाम| इधर त्राहिमाम त्राहिमाम|अजय रावत की रिपोर्ट
CITYLIVE TODAY. MEDIA HOUSE- AJAY RAWAT
उधर मैदान में प्रचंड लू के थपेड़ों से लोग हलकान हैं, लेकिन इधर पहाड़ में ठंडी हवाओं के बावजूद आम आदमी त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं। वजह है तकरीबन सभी यात्री वाहनों का चारधाम यात्रा में व्यस्त होना, लोकल रूट पर घण्टों तक कोई यात्री वाहन नज़र नहीं आ रहा है, एक्का दुक्का जो वाहन यहां चल रहे हैं, वह भी शादियों में व्यस्त हैं अथवा उनमें लोग भेड़ बकरियों की तरह सवार होकर अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं।
मुख्य राजमार्गों पर भी इन दिनों वाहन संचालकों व चालकों-परिचालकों की नज़र में स्थानीय यात्रियों की कोई “औकात” नहीं रह गयी है, ऐसे में पहाड़ के आम वाशिंदे हलकान हैं। चिलचिलाती धूप के बीच लगभग सभी सड़कों पर लोगों को पैदल ही अपने गंतव्यों की ओर जाते देखा जा सकता है। ऐसा नहीं कि ऐसे हालात कोई पहली बार सामने आए होंगे, हर वर्ष यही होता आया है लेकिन न सरकार, न शासन और न ही परिवहन विभाग को इससे कोई लेना देना है, लब्बोलुआब यह कि सरकार द्वारा आम यात्रियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।
क्यों नहीं परिवहन विभाग तमाम बस कम्पनियों के साथ सभी टैक्सी व कैब असोसिएशन वालों का रिकॉर्ड तलब कर उन्हें इस हेतु बाध्य करता कि अपने बड़े में से किसी निश्चित संख्या में वाहनों को उनके तय रुट पर चलाया जाय। माना कि मेहमान का दर्जा बड़ा है उसकी सहूलियत के ध्यान रखना हमारा धर्म है लेकिन मेजबानों की ऐसी दुर्गति भी ठीक नहीं। मेहमान भी तभी हो सकते जब मेजबान हों…